चार वर्ष के दौरान प्रदेश में पच्चीस फीसद हरियाली बढ़ी, शासन ने जताई संतुष्टि
चार वर्ष के दौरान प्रदेश में पच्चीस फीसद हरियाली बढ़ी, शासन ने जताई संतुष्टि

चार वर्ष के दौरान प्रदेश में पच्चीस फीसद हरियाली बढ़ी, शासन ने जताई संतुष्टि

मीरजापुर, 26 जुलाई (हि.स.)। वन विभाग द्वारा प्रदेश सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में बताया गया कि इन चार सालों के अंदर पौधे लगाने से प्रदेश में हरियाली का क्षेत्र बढ़ा है। सबसे अधिक तराई वाले चित्रकूट, सोनभद्र मीरजापुर, लखनऊ समेत अन्य क्षेत्रों में हरियाली बढ़ने का क्षेत्रफल अधिक है। ऐसे ही पौधरोपण का कार्यक्रम चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब प्रदेश में हरियाली ही हरियाली दिखेगी। पिछले चार सालों के अंदर प्रदेश भर में विभिन्न प्रजातियों के 48 करोड़ पौधे लगाए गए। वर्ष 2016 में पांच करोड़ पौधे, नौ अगस्त 2019 को 22 करोड़ तथा वर्ष 2020 में 23 करोड़ पौधे लगाए गए। गत चार वर्षो से प्रदेश भर में कराए जा रहे पौधारोपण से वन क्षेत्रों में 25 प्रतिशत हरियाली बढ़ी है। जिससे प्रदेश स्तर के अधिकारी के साथ शासन के लोगों ने राहत की सांस ली है। इस सफलता के बाद प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 में भी पौधरोपण कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए अभी से रणनीति बनाने को कहा गया है। प्रभागीय वनाधिकारी राकेश चौधरी ने बताया कि पिछले चार सालों में कराए गए पौधरोपण से प्रदेश स्तर पर हरियाली का दायरा काफी बढ़ा है। इससे जलस्तर, पयार्वरण, मृदा आदि में काफी सुधार हुआ है। सबसे बड़ी बात है कि लोगों में पौधरोपण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। मीरजापुर में वर्ष 2016 के दौरान 25 लाख, 2019 के दौरान 23 लाख व 2020 के दौरान 50 लाख पौधे लगाए गए। इसमें 50 लाख वन विभाग व 52 लाख अन्य विभागों द्वारा पौधा लगाया गया है। वन क्षेत्र का दायरा हुआ सवा लाख हेक्टेयर मीरजापुर के वन क्षेत्रफल का एरिया सवा लाख हेक्टेयर है। इसमें ड्रमंडगंज, लालगंज, मड़िहान, पहाड़ी ब्लाक, चुनार व अहरौरा इलाके में हरियाली बढ़ी है। इन इलाकों में प्लांटेशन की संख्या भी बढ़ी है। पहले 15 थे लेकिन अब 35 हो गए हैं। प्रदेश भर में पौधरोपण से वन क्षेत्रों में जंगली पशु-पक्षी की संख्या बढ़ी है। जंगलों के वीरान होने के चलते तेजी से गायब हो रहे पशु-पक्षी हरियाली लौटने पर दोबारा लौटने लगे हैं। इसमें भालू, मोर, लकड़हारा समेत अन्य पशु-पक्षी शामिल हैं। पौधरोपण से भू-संरक्षण भी हुआ है। पर्यावरण में सुधार होने से हुई अच्छी बारिश के चलते जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है, मृदा में सुधार आया है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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