चन्द्र देवता को अर्घ्य देकर सुहागिनों ने करवाचौथ का व्रत किया पूर्ण
चन्द्र देवता को अर्घ्य देकर सुहागिनों ने करवाचौथ का व्रत किया पूर्ण

चन्द्र देवता को अर्घ्य देकर सुहागिनों ने करवाचौथ का व्रत किया पूर्ण

कानपुर, 4 नवम्बर (हि. स.)। सुहागिन महिलाओं ने चन्द्र देवता को अर्घ्य देकर पूर्ण किया करवा चौथ का व्रत। शाम से ही महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर चांद के दीदार के लिए छतों पर शाम से ही आंखे बिछाए बैठी नजर आ रही थी। वही देर शाम 8:15 पर चांद ने दर्शन देकर सुहागिनों का व्रत पूर्ण किया। सुहागिन अंजू सिन्हा ने बताया कि हम 22 वर्षों से करवा चौथ का व्रत अपने पति की दीर्घायु के लिए रख रहे है। और इस व्रत में हम निर्जला व्रत रखते है। ये व्रत करक माता की पूजा के लिए रखा जाता है। इस व्रत को विधि विधान से पूजा करने से माता खुश होकर सदा सुहागन का आशीर्वाद देती है। सुहागिन अंजली तिवारी जो कि एक गृहिणी है। उन्होंने बताया कि ये व्रत 8 वर्षों से अपनी पति की दीर्घायु के लिए रख रही हैं और करक माता की पूजा पाठ करके अपने पति के लंबी आयु का आशीर्वाद मांग रही है। उनका कहना है कि इस व्रत को जो भी सुहागन औरत रखती है। तो माता उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती है। साथी धन-धान्य से घर भरती है और अन्य बीमारियों से भी छुटकारा देती है। सुुहागिने चंद्र देवता को अर्घ्य देकर सात फेरे लगाकर इस व्रत को संपूर्ण किया जाता है। घरों में महिलाएं तरह-तरह के व्यंजनों का भोग भी लगाती है। जिसमें कढ़ी चावल का महत्व ज्यादा माना जाता है। सुहागिन रीमा ने बताया कि हमारे सनातन धर्म मे करवा चौथ का महत्व सुहागिनों में बहुत माना गया है। करवा चौथ का व्रत रखकर महिलाएं चन्द्र देव की तरह अपने पति की लंबी आयु चन्द्र देव से मांगती है। वैसे तो करवाचौथ का व्रत शारदीय ऋतु के कार्तिक माह की चौथ को करवाचौथ व्रत के रूप में सुहागिन महिलाएं अपना व्रत रखकर मनाती है। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु/मोहित-hindusthansamachar.in

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