ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में चयनित भूतपूर्व सैनिकों को सेवा से बर्खास्त करने को चुनौती

ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में चयनित भूतपूर्व सैनिकों को सेवा से बर्खास्त करने को चुनौती
ग्राम विकास अधिकारी भर्ती में चयनित भूतपूर्व सैनिकों को सेवा से बर्खास्त करने को चुनौती

प्रयागराज, 01 जुलाई (हि.स.)। ग्राम विकास अधिकारी भर्ती 2016 में चयनित भूतपूर्व सैनिकों को नियुक्ति के बाद सेवा से बर्खास्त करने के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ से जवाब तलब किया है। सुधीर सिंह और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने यह आदेश दिया है। याचीगण का कहना था कि चयन आयोग ने 2016 में 3133 पदों पर ग्राम विकास अधिकारियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए अर्हता इंटरमीडिएट या समकक्ष और कंप्यूटर में ट्रिपल सी का सार्टिफिकेट अनिवार्य था। याचीगण उसमें सफल रहे मगर उनका परिणाम यह कहते हुए रोक दिया गया कि उनके पास निर्धारित योग्यता, कंप्यूटर में ट्रिपल सी सार्टिफिकेट नहीं है। आयोग ने नोटिस जारी कर याचीगण को अपनी कंप्यूटर में योग्यता के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने के लिए कहा। याचीगण ने अपने प्रमाणपत्र आयोग के सामने प्रस्तुत किए। आयोग ने इन प्रमाणपत्रों को मान्यता दे दी। मई 2019 में कमिश्नर ग्राम विकास ने एक आदेश जारी कर याचीगण को अर्हता पूरी न करने के आधार पर सेवा से बाहर करने का निर्देश दिया। कमिश्नर ने आधार लिया कि याचीगण के पास कंप्यूटर में ट्रिपल सी सार्टिफिकेट नहीं है। साथ ही आवेदन करने की अंतिम तिथि दस फरवरी 2016 को वे सेना से रिटायर नहीं हुए थे। कमिश्नर के आदेश पर याचीगण को मार्च 2020 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अधिवक्ता का तर्क था कि याचीगण की नियुक्ति चयन आयोग ने की है। इसलिए सेवा समाप्त करने का कमिश्नर को अधिकार नहीं है। उनकी शैक्षिक योग्यता स्वयं आयोग ने स्वीकार की है। कोर्ट ने इन दलीलों को सुनने के बाद राज्य सरकार को पूरे मामले की जानकारी देने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/राजेश-hindusthansamachar.in

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