खाकी तेरे रूप अनेक रक्षक, रहनुमा, मददगार ......
खाकी तेरे रूप अनेक रक्षक, रहनुमा, मददगार ......

खाकी तेरे रूप अनेक रक्षक, रहनुमा, मददगार ......

खाकी तेरे रूप अनेक रक्षक, रहनुमा, मददगार ... कौशाम्बी, 20 जुलाई (हि.स.)। खाकी नाम सामने आते ही जेहन में सामने आती है एक ऐसी छवि जिसके लोग खौफ खाते है, लेकिन बीते कुछ दिनों में खाकी ने अपना यह रूप छोड़ स्मार्ट पुलिसिंग की तरफ रुख लिया है। कुछ ऐसा ही रूप मंझनपुर मुख्यालय में सोमवार को देखने में आया है। महामारी काल में यह स्मार्ट पुलिस लोगो के बीच खासी चर्चा बटोर रही है। स्मार्ट पुलिस की अवधारणा की खोज में निकली हमारी टीम ने कुछ ऐसे ही शानदार पलो को अपने कैमरे में कैद किया। पहली घटना मंझनपुर कसबे से महज कुछ दूर की है जहाँ कुछ लोग हांथों में कवर उठाये अपने आराध्य शिव का जलाभिषेक करने जा रहे थे। जिन्होंने मास्क नहीं लगाया था। ड्यूटी पर मुस्तैद ट्रैफिक इन्स्पेक्टर रवींद्र त्रिपाठी ने कावरियों को देखा और उनसे मास्क न लगाने का कारण पूछा कावरियों ने बताया उन्हें गेरुवा रंग का मास्क नहीं मिला जिसके कारण उन्हें बिना मास्क के ही निकलना पड़ा। ऐसे में चिंन्तित इन्स्पेक्टर ने बड़े ही सहज भाव से कावरियां का गेरुवा अंगवस्त्र लेकर अपने हांथों से कवर लिए शख्स के चेहरे पर मास्क बनाकर पहना दिया और उन्हें आगे की यात्रा की सुरक्षित शुभकामना के साथ विदा कर दिया। जिसे देख आस-पास के लोगों ने बरबस कह उठे वाट एन आइडिया सर जी। हम और हमारी कैमरा टीम ओसा की तरह निकल पड़ी। अभी हम नवीन सब्जी मंडी पहुंचे ही थे कि हमारे सामने एक ह्रदय विदारक दृश्य सामने था। एक गाय गंभीर रूप से घायल दर्द से सड़क पर तड़प रही थी। हम गाड़ी से उतर उसके पास पहुंचते उसके पहले ही मंझनपुर पुलिस की जीप आती दिखाई पड़ी। इसके पहले की हम कुछ समझ पाते पुलिस का दरोगा सिद्धार्थ सिंह गाड़ी से नीचे उतरे, जिसके साथ वाहन में मेडिकल टीम भी थी। उन्होंने तत्काल गाय को सड़क से किनारे कर उसका उपचार शुरू कर दिया। घाव पर मरहम लगते ही गाय को आराम महसूस हुआ होगा, लिहाजा गाय पुलिस के दरोगा के हाथों में अपना सर रख आंखे बंद कर ली। तकरीबन 20 मिनट के बाद गाय कुछ अपने पैरों पर खड़ी हो गई। बताते चलें कि महामारी काल में पुलिस की स्मार्ट छवि को कायम रखने और लोगो को Covid-19 के संभावित खतरे से बचाने में पुलिस का यह जाबाज सब इन्स्पेक्टर कोरोना की जंग जीत कर लौटे है। ड्यूटी पर मुस्तैदी और कर्मठता के चलते ही महज कुछ ही दिनों में दरोगा सिद्धार्थ सिंह ने बदमाशों के दिनों में पुलिस का खौफ व सभ्य नागरिकों के दिलों में पुलिस की छवि को बेहतर बनाया है। हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार/राजेश-hindusthansamachar.in

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