कोविड के दौर में तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवा बनेंगे चैंपियन
कोविड के दौर में तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवा बनेंगे चैंपियन

कोविड के दौर में तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवा बनेंगे चैंपियन

जालौन, 31 अक्टूबर(हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का प्रसार धीरे धीरे कम हो रहा है। इससे ठीक होने वाले व्यक्तियों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इन सबके बीच कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों के साथ समाज में भेदभाव और तिरस्कार भी किया जा रहा है। कोविड-19 के दौर में लोगों में फैले तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से युवाओं की मदद ली जाएगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक निर्देशिका जारी किया है। जारी निर्देशिका के अनुसार युवाओं को सामाजिक भेदभाव तिरस्कार के खिलाफ खड़ा किया जाएगा। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में तिरस्कार का मतलब होता है आपकी बीमारी के चलते कोई व्यक्ति समुदाय आपको नकारात्मक तरीके से देखता है। महामारी के दौर में इसका मतलब यह होता है कि किसी एक बीमारी से जुड़े लोगों को चिन्हित कर उनके साथ भेदभाव या अलग व्यवहार किया जाए। उनकी सामाजिक स्थिति और छवि को नुकसान पहुंचाया जाए। इस तरह का व्यवहार उन लोगों को जो खुद बीमारी से जूझ रहे हो या उनकी देखभाल करने वाले परिवार सदस्य दोस्तों और समुदाय के लोगों को प्रभावित कर सकता है। एडवोकेसी के माध्यम से सोच में आएगा बदलाव एडवोकेसी का मतलब है किसी मुद्दे को पहचानना और बदलाव की ओर काम करना। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि एडवोकेसी के जरिए हम समाज के कमजोर वर्ग की आवाज उठाने में मदद करते हैं। क्योंकि जिन विचारों और परंपराओं में हम बदलाव लाना चाहते हैं, उनका असर इन्हीं वर्गों पर सबसे ज्यादा होता है। एडवोकेसी इसी सामूहिक आवाज का प्रयोग अधिकारों के बचाव और सुरक्षा के लिए करती है। साथ ही अलग.अलग कार्यों और नई शुरुआत में समर्थन करती है। भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाकर बने यूथ चैंपियन कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयए विश्व स्वास्थ संगठन, यूनिसेफ के दिशा निर्देशों का ही फॉलो करें। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट या ट्विटर हैंडल से सोशल मीडिया संदेशों और ग्राफिक्स को अपने फेसबुक, व्हाट्सएप, स्नैपचैट इंस्टाग्राम या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करें। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप के सभी दोस्तों के पास सही व विश्वसनीय जानकारी है। उचित दूरी बनाकर रखते हुए कोरोना वारियर्स के साथ खींची गई अपनी सेल्फी को सोशल मीडिया पर साझा करें। अपने कोरोना योद्धा को वीडियो कॉल करें और स्क्रीनशॉट ले या उचित दूरी रखते हुए तस्वीर लें। हमारा बिंगो गेम खेलें कोविड-19 युवा चैंपियन बिंगो नाम का गेम खेल सकते हैं और अपने दोस्तों और साथियों को खेलने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर लाइव होकर, लोगों के साथ मिलकर तिरस्कार और भेदभाव का सामना करने से जुड़ी जानकारी को शेयर कर सकते हैं। मिथकों को उजागर करने वाली पोस्ट शेयर करें जारी निर्देशिका में बताया गया है कि कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी देने वाली और मिथकों को उजागर करने वाली पोस्ट साझा करें। भ्रामक जानकारी न फैलाएं। इससे समाज में तिरस्कार और भेदभाव को रोकने में सहायता होगी। इस तरह के पोस्ट का प्रिंट लेकर आप उन्हें अपने आसपास चिपका सकते हैं। इसकी तस्वीरें हमारे साथ सोशल मीडिया पर शेयर करें। तिरस्कार का क्या मतलब हैए और यह समाज और लोगों के लिए कितना हानिकारक है। इससे जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करें। लोगों को भेदभाव के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करें। अपने कौशल को साथियों के साथ बांटे अपनी बात कहने के लिए कोई लेख लिखे या चित्रकाला या कविताओं के माध्यम से खुद को व्यक्त करें। इनके जरिए दूसरों तक यह बात पहुंचाय कि कोविड-19 से जुड़े भेदभाव का मुकाबला करना हमारे लिए क्यों जरूरी है और इस महामारी के दौर में हमें भेदभाव को रोकना चाहिए। सोशल मीडिया पर लाइव जुलकर लोगों को बताएं कि वे अपने समुदाय में कोविड-19 से जुड़े भेदभाव का सामना कर कैसे युवा चैंपियन बन सकते हैं। इससे पहले कि आप दूसरों के साथ जानकारी साझा करेंए इस बात को सुनिश्चित करें कि आपके पास सही और सटीक जानकारी हो। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल शर्मा-hindusthansamachar.in

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