कोरोना संकट में विधानसभा का सत्र आयोजित कर उप्र बना पहला राज्य: दीक्षित
कोरोना संकट में विधानसभा का सत्र आयोजित कर उप्र बना पहला राज्य: दीक्षित

कोरोना संकट में विधानसभा का सत्र आयोजित कर उप्र बना पहला राज्य: दीक्षित

-विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र के सफल आयोजन के लिए सभी को दिया धन्यवाद लखनऊ, 22 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र समाप्ति के बाद अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कोरोना काल में देश और दुनिया की संसदीय संस्थाओं के सामने संकट है। उन्होंने कहा कि ऐसी विपरीत परिस्थिति में भी उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना, जहां महामारी के दौरान भी सफलतापूर्वक सदन की कार्यवाही का संचालन किया गया। श्री दीक्षित ने कहा कि इस सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश ने कई रिर्काउ बनाए। उप्र पहली विधानसभा है जहां पर हमनें सभी विधायकों और विधानसभा सचिवालय के सभी कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट करवाया। उप्र पहली विधानसभा हैं जहां सदन के भीतर भौतिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए सदस्यों को दर्शक दीर्घा तक में बैठाने का प्रबन्धन किया गया। सभी सदस्यों ने भी पीठ के अनुरोध का अक्षरशः पालन किया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश पहला राज्य है कि तमाम विषम परिस्थितियों के बीच तीन दिन का सत्र चलाया गया। बहुत दिन से शनिवार को सत्र नहीं बैठा था। इस बार उसका भी सदुपयोग किया गया। अध्यक्ष ने कहा कि दुख की दृष्टि से हम उल्लेख करना चाहेंगे कि अपनी उत्तर प्रदेश विधान सभा ने इस बीच अपने 05 वर्तमान सदस्य और 22 पूर्व सदस्य खोयें हैं। इसका हमको शोक है। विधानसभा की कार्यवाही के संचालन में सभी सदस्यों ने ठीक से सहयोग किया। प्रतिपक्ष ने भी हमारा सहयोग किया। सत्र रहा उपयोगी, स्वीकृत हुईं 138 याचिकाएं विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि तीन दिन के सत्र में हमारे कार्यालय को नियम-56 के अन्तर्गत कुल 18 सूचनाएं प्राप्त हुई। इनमें से 10 को हमने सरकार के ध्यान आकर्षित करने के लिए भेज दिया। नियम 56 के अन्तर्गत सारी सूचनाएं अग्राह््य कर दी गयी है। सूचनाओं पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। नियम-301 ध्यानाकर्षण अन्तर्गत कुल 92 सूचनाएं प्राप्त हुई थी। हमने सभी 92 सूचनाएं स्वीकार की। सदस्यों के हित के लिए कि वे अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाते हैं। सारी सूचनाएं हमने स्वीकार की। इसी प्रकार नियम-51 के अन्तर्गत सदस्य अपने क्षेत्र या उत्तर प्रदेश की कतिपय समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सूचनाएं देते है। हम लोगों ने नियम-51 के अन्तर्गत प्राप्त 102 सारी सूचनाएं स्वीकार की। यह सत्र बड़ा उपयोगी रहा। इस बीच में 138 याचिकाएं भी स्वीकृत हुई। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान हमने 27 विधेयक पारित किये जो एक रिकार्ड है। वर्चुअल हिस्सेदारी करने की व्यवस्था करने वाली भी हम पहली विधान सभा है और इसके लिए अध्येता ब्रिटेन और कनाडा का स्मरण करते हैं। हमारी विधान सभा के 33 सदस्यों ने वर्चुअल उपस्थिति प्रकट की है। मैं सत्ता पक्ष के सभी सदस्य के प्रति, प्रतिपक्ष के सभी सदस्य के प्रति, अपने सभी दलीय नेताओं के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ। उन्हें धन्यवाद देता हूँ। सरकार के कई अंग इस बार हमारी तैयारी में हिस्सा ले रहे थे, मैं सरकारीतंत्र को भी धन्यवाद देता हूँ। विधानसभा सचिवालय ने प्रमुख सचिव, प्रदीप दुबे के नेतृत्व में इस विशेष सत्र के आयोजन में विषम परिस्थिति में पूरा सहयोग किया है। सब धन्यवाद के पात्र हंै। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी-hindusthansamachar.in

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