कोरोना कॉल के आठ माह बाद बाजारों में दिखी रौनक, जमकर उमड़े खरीददार
कोरोना कॉल के आठ माह बाद बाजारों में दिखी रौनक, जमकर उमड़े खरीददार

कोरोना कॉल के आठ माह बाद बाजारों में दिखी रौनक, जमकर उमड़े खरीददार

कानपुर, 12 नवम्बर (हि.स.)। कोरोना ने जहां देश और दुनिया को पीछे धकेलने का काम किया था। इसके बावजूद देश ने एक बड़ी मिसाल पेश की है। जहां विदेशों में आधुनिक संसाधन होने के बावजूद कोरोना की मार से उबर नहीं पा रहे हैं, वहीं अपने भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के भारतीयों ने एक बड़ी नजीर दीपावली के त्यौहार में पेश की। कोरोना काल के 8 माह बाद गुलजार हुए बाजार में कोविड-19 की जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए उम्मीद से ज्यादा भीड़ लगी है। बाजार पूरी तरह से सजे हुए नजर आ रहे हैं। उतना ही खरीदारों में भी उत्साह भरा नजारा देखने को मिल रहा है। बीते साल भी ऐसा उत्साह बाजारों में देखा गया था। बल्कि अपने देश ही नहीं पूरी दुनिया के लिए भारतीय देश नजीर बन गया है। कोरोना काल में जहां हर व्यक्ति निराश था। उसे दीपावली में एक नई उम्मीद दिखी। वहीं सुबह के बाद से ही बाजारों में रुझान देखने को मिल रहा हैं। यूपी के आद्योगिक नगरी कानपुर में ऐसी छटा देखने को मिली है। दुकानदारों के चेहरे ग्राहकों को दुकानों में देखकर खिल उठे हैं। भगवान श्री गणेश-लक्ष्मी की दुकान लगाए दुकानदार छोटू ने बताया कि, वह पिछले दस वर्षों से दीपावली के मौके पर मूर्तियों की दुकान लगा रहे है। इस बार बड़ी उत्साह के साथ दुकान लगाए है। हालांकि इस वर्ष ग्राहकों की कुछ रौनक कम है लेकिन उत्साह में कोई कमी नहीं है। इस बार गणेश-लक्ष्मी मूर्ति 30 रुपये से लेकर 1100 रुपये तक की बाजार में देखने को मिल रही है। ये सभी मूर्तियां मिट्टी के सांचे में ढाल कर ही बनी है। दुकानदार दिनेश मंगलखेड़ा निवासी जो कि लईया, चूड़ा, गट्टा व शक्कर के बने खिलौने की बिक्री कर रहे है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में इस बार हम बहुत कम खेप में माल लेकर आए है। उसका मुख्य कारण कोरोना को मान रहे।पिछले साल की अपेक्षा इस बार ग्राहकों की कमी दिख रही है। वहीं धनतेरस के दिन अच्छी कमाई की शुरुआत हो जाती थी। लेकिन इस बार दिन की पहली कमाई बहुत कम होने से मन में निराशा हो रही है। दुकानदार बउवा ने बताया कि वह बारह मास कच्चे दिये व घड़े का काम करते हैं लेकिन इस बार दीपक खरीदने वालों की भीड़ पिछले साल की अपेक्षा अधिक देखने को मिल रहीं, क्योंकि भारत का चाइना के साथ सम्बन्ध ठीक न होने की वजह से चाइनिज माल की बिक्री नहीं है। इसी कारण अब लोग भारतीय सभ्यता के अनुसार दिए जलाकर दीपावली मनाने को तैयार है। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु/मोहित-hindusthansamachar.in

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