कोरोना काल में महिलाओं के लिए संजीवनी साबित हुई प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना
कोरोना काल में महिलाओं के लिए संजीवनी साबित हुई प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना

कोरोना काल में महिलाओं के लिए संजीवनी साबित हुई प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना

महिलाओं के पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य की देखभाल के लिए तीन किश्तों में 5000 रूपये देने का प्रावधान मीरजापुर, 12 अगस्त (हि.स.)। कोविड-19 के दौर में कमजोर लोगों के आर्थिक स्थिति पर सीधे तौर पर असर पड़ा है। ऐसे में पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मातृत्व वन्दना योजना चलायी जा रही है। जो अब महिलाओं के लिये वरदान साबित हो रही है। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक अजय सिंह ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती व गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना है। योजना में पहली बार मां बनने पर गर्भवती महिला के खाते में तीन किश्तों में पांच हजार रूपये दिए जाते हैं। इस धन से महिला पर्याप्त मात्रा में आहार ले सकें। डीसीपीएम ओंकार सिंह के अनुसार प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना के तहत अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 35010 हजार फार्म आए, जिसमें 26943 महिलाओं को लाभ मिल चुका है। इस पर विभाग ने 13 करोड़ 47 लाख 15 हजार रूपये खर्च किए हैं। इसके अलावा कोरोना काल के दौरान अप्रैल से जुलाई 2020 तक 10440 प्रार्थना पत्र आए, जिसमें 1894 महिलाओं को लाभ दिया गया है। इन पर विभाग द्वारा 94 लाख 70 हजार रूपये खर्च किए गए। इस योजना के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को तीन चरणों में पांच हजार रूपये की धनराशि मानदेेय के रूप में दी जाती है। तीन किश्तों में दिए जाते हैं पांच हजार रूपये डीसीपीएम ने बताया कि योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए पांच हजार रूपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में एक हजार रूपये दिये जाते है। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में दो हजार रूपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चरण का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त के रूप में दो हजार रूपये दिए जाते हैं। योजना का कैसे ले लाभ जिले के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारियों की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु, सुरक्षा कार्ड, आधार कार्ड व पासबुक की छाया प्रति फार्म भरते समय जमा करना होता है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/दीपक-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in