कोरोना काल में छात्रों के स्वास्थ्य की परवाह किये बगैर परीक्षा कराना उचित नहीं- दीपक सिंह

कोरोना काल में छात्रों के स्वास्थ्य की परवाह किये बगैर परीक्षा कराना उचित नहीं- दीपक सिंह
कोरोना काल में छात्रों के स्वास्थ्य की परवाह किये बगैर परीक्षा कराना उचित नहीं- दीपक सिंह

लखनऊ, 22 अगस्त (हि.स.)। उप्र कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने कोरोना काल की विषम परिस्थिति में छात्रों के भविष्य एवं उनके स्वास्थ्य की परवाह किये बगैर परीक्षा कराने पर सरकार से सवाल किये हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि कोरोना के इस संकट काल में जहां विधान सभा से लेकर मुख्यमंत्री व आला अधिकारी वर्चुअल बैठक करते हैं। वहीं एकेटीयू (डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी) के छात्रों की परीक्षा हेतु न सिर्फ आदेश दिया गया बल्कि अन्तिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा सूची भी जारी कर दी गई। कोरोना काल की ऐसी विषम परिस्थिति में बिना जांच और शारीरिक दूरी के छात्रों के भविष्य एवं उनके स्वास्थ्य की परवाह किये बगैर, बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के एक ही दिन में एक-एक घंटे के अन्तराल में दो-दो घंटे के तीन विषयों की सम्पूर्ण परीक्षा की तैयारी कर दी गई। यह किसी नजरिये से उचित नहीं है, वो भी बिल्कुल नये पैटर्न पर। उन्होंने कहा कि परीक्षा की घोषणा के पहले यह भी नहीं सोचा गया कि हाॅस्टल में रहने वाले हजारों छात्र-छात्राएं 500-1000 किलोमीटर दूर से परीक्षा देने कैसे आयेंगे? परीक्षा भले ही एक दिन की हो, इन्हे कम से कम दो दिन पहले अपने काॅलेज वाले शहर में पहुचना होगा, जिसके दौरान दो-तीन दिन ये कहां रहेंगे। प्रदेश में लाॅकडाउन होने से हाॅस्टल खोलेंगे नहीं, होटल अभी खुले नहीं, बच्चे अपने-अपने शहरों से कैसे आयेंगे और आकर कहां रहेंगे। क्या परीक्षा के लिए आवाजाही की इस आपाधापी में इन छात्रों या उनके अभिभावकों को किसी तरह के संक्रमण का जोखिम नहीं होगा। इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। क्या सरकार के पास परीक्षा के लिए ऑनलाइन जैसी परीक्षाओं के साथ अन्य विकल्प पर विचार क्यों नहीं किया? जिसको लेकर पूर्व में इस तरह की परीक्षाएं न कराये जाने एवं फीस माफी की मांग करने वाले छात्रों गौरव त्रिपाठी, आरएन मिश्रा सहित कई छात्रों पर जनपद-लखनऊ में मुकदमे दर्ज कर दिये गये। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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