कोरोना काल में खुला पुस्तकालय, बच्चों व बुजुर्गों के लिए बना वरदान
कोरोना काल में खुला पुस्तकालय, बच्चों व बुजुर्गों के लिए बना वरदान

कोरोना काल में खुला पुस्तकालय, बच्चों व बुजुर्गों के लिए बना वरदान

नोएडा, 25 नवम्बर (हि.स.)। कोरोना आपदा में बच्चों और बुजुर्गों का घर से निकलना बंद हो गया है। ऐसे में उनमें सक्रियता बनाए रखने के लिए ग्रेटर नोएडा में एक आवासीय सोसाइटी में पुस्तकालय खोला गया है। जिसमें जाकर बच्चे और बुजुर्गों पुस्तकों के जरिए अपना ज्ञानवर्धन कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एस एस्पायर में रहने वाले पत्रकार ललित फुलारा ने पुस्तकालय खोलने की पहल की है। कोरोना काल में जब पूरा भारत घरों में कैद था। उसी वक्त घरों में कैद बच्चों को देखकर ललित फुलारा को सोसाइटी में पुस्तकालय खोलने का विचार मन में आया। ललित का कहना है कि प्रत्येक सोसाइटी के भीतर आधुनिक सुविधाओं के साथ ही बौद्धिक वर्ग व युवा पीढ़ी के लिए लाइब्रेरी भी होना चाहिए। इसी परिकल्पना के साथ एस एस्पायर सोसाइटी में पुस्तकालय खोला गया है। इस पुस्तकालय के खोलने के लिए सोसाइटी में रह रहे प्रबुद्ध लोगों ने भी मदद कि है। पुस्तकें ही वो माध्यम हैं, जो हमारे ज्ञान और दुनिया को देखने का नजरिया बदलती है। पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र और मार्गदर्शक होती हैं। युवा पीढ़ी की पुस्तकों से बढ़ती दूरी को कम करने और पढ़ने-लिखने की संस्कृति को विकसित करने के उद्देश्य से ही पुस्तकालय खोला गया है। इस पुस्तकालय में हिंदी और अंग्रेजी भाषा की साढ़े 300 से ज्यादा किताबें रखी गई है, जिसमें धार्मिक पुस्तकों से लेकर साहित्य, इतिहास, दर्शन और मनोविज्ञान की पुस्तकें शामिल हैं। ललित बताते है कि जब एक सोसाइटी में जिम, क्लब हाउस, स्विमिंग पुल तक सारी आधुनिक सुविधाएं हो सकती हैं, तो पुस्तकालय क्यों नहीं खोला जा सकता? इसके बाद अपने साथियों के साथ मिलकर पुस्तकालय खोल दिया। धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/आदित्य-hindusthansamachar.in

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