कृषि कानून से किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करेंगे पूंजीपति : रालोद
कृषि कानून से किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करेंगे पूंजीपति : रालोद

कृषि कानून से किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करेंगे पूंजीपति : रालोद

- किसानों पर की रही बर्बरता को किया जाये बंद, कृषि कानूनों को वापस ले सरकार कानपुर, 02 दिसम्बर (हि.स.)। हमारे कृषि प्रधान देश के किसानों ने सदैव देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कारोना जैसी वैश्विक महामारी और लॉकडाउन के कठिन दौर में भी किसानों द्वारा उत्पादन करके अर्थव्यवस्था में जीडीपी में महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। लेकिन केंद्र सरकार ने कृषि संबंधी ऐसे कानून पारित किए हैं जिनके लागू होने से किसानों की स्थिति सोचनीय ही नहीं बल्कि दयनीय हो जाएगी। इस कानून से पूंजीपति किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करेंगे। यह बातें बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नये कृषि कानूनों से आज देश का किसान अपने संभावित व्यथाओं से आशंकित होकर आंदोलित है। किसान जब अपनी आवाज सुनाने दिल्ली आया तो इस भयंकर ठंड में सड़क पर पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं, क्या यही लोकतंत्र है, क्या यह बर्ताव कृषि प्रधान देश के किसान के लिए उचित है। किसान विरोधी कानूनों के फलस्वरुप मंडी समिति और एमएसपी समाप्त हो जाएगी तथा कारपोरेट जगत की स्वेच्छा से दी जाने वाली कीमत पर कृषि उपज की खरीद होगी। इकरारनामा के माध्यम से किसानों का शोषण होगा और तैयार फसलों की कीमत गुणवत्ता के बहाने कम मिल पाएगी। भंडारण की सीमा कारपोरेट जगत के पक्ष में समाप्त हो जाएगी जिसका लाभ किसानों को न मिल कर सीधे पूंजीपतियों को मिलेगा साथ ही इसका दुष्प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा। इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय अमित साहू को दिया गया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन भेजने का आश्वासन दिया। ज्ञापन के जरिये रालोद ने राष्ट्रपति से मांग की कि किसानों की भावी पीड़ा का आभास करते हुए तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने की अनुशंसा केंद्र सरकार से करें। इस दौरान मोहम्मद उस्मान, राम सिंह राजपूत, विनोद यादव, प्रदीप यादव, शैलेंद्र वर्मा, शाकिर अली उस्मानी, रवी शंकर वर्मा, अजय पासवान आदि मौजूद रहें। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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