कृषकों को कम लागत में ज्यादा पैदावार की जरूरत : डॉ सुधीर
कृषकों को कम लागत में ज्यादा पैदावार की जरूरत : डॉ सुधीर

कृषकों को कम लागत में ज्यादा पैदावार की जरूरत : डॉ सुधीर

मीरजापुर, 10 नवम्बर (हि.स.)। जिले के हलिया ब्लाक के बरी गांव स्थित अंबेडकर मूर्ति के समीप सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा योजना अंतर्गत कृषक गोष्ठी में बीएचयू बरकछा के डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कृषकों को कम लागत पर ज्यादा पैदावार की जरूरत है। उन्होंने किसानों को बताया कि बीजशोधन, उर्वरक का उपयोग कम करना, पांच ग्राम ट्राइकोडर्मा से बीज का शोधन करने से फसल में रोग नहीं लगते हैं। यही नहीं फसलों के नुकसानी को भी बचाया जा सकता है। इसलिए बीज का शोधन अति आवश्यक है। इससे बिना नुकसान हुए कृषक फायदा ले सकते हैं। दलहनी फसलों के बारे में बताया कि एक किलो बीज में 20 ग्राम कल्चर मिलाने से रोग नहीं लगते, फसलों को भरपूर नाइट्रोजन भी मिलता है। डीएपी खाद छिड़काव ना करें। रसायनिक दवा की मात्रा कम करें। रासायनिक खाद से मर्ज फैल रहा हैं। अलसी का तेल खाने से चर्बी व ब्लड शुगर नियंत्रित बीएचयू बरकछा के डॉ. एस.एन सिंह ने गेहूं, सरसों की नई प्रजातियों का उपयोग करने की सलाह दी। कहा, मालवी 34, पीडीडब्लू, कलन, बंदना, एसडी 3083, 2967 गेहूं, सरसों की प्रजातियों में गिरिराज, पीएस, बोरान की सल्फर का प्रयोग करते हुए बुआई करें। अलसी की प्रजातियों में आजाद, पद्मनी, श्वेता आदि के ब्लॉक में उपलब्ध बीजों का प्रयोग करें। अलसी खाने से व्यक्ति के चर्बी, शुगर, जोड़ों के दर्द ठीक होते हैं। 10 ग्राम अलसी को भूनकर पाउडर बना लें। एक सप्ताह में 10 ग्राम अलसी के पाउडर खाने से शरीर की नली साफ हो जाती है। जोड़ों के दर्द आदि को भी आराम मिलता है। संचालन श्याम सुंदर विश्वकर्मा ने किया। राम आधार, प्रधान हिन्छलाल, पूर्व प्रधान हंसराज पटेल, श्याम मुरारी पटेल, श्याम सुन्दर पटेल आदि कृषक मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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