-कमालः हार्ट ब्लाॅकेज के कारण  मरणासन्न स्थिति में पहुंचे रोगी की बचाई जान
-कमालः हार्ट ब्लाॅकेज के कारण मरणासन्न स्थिति में पहुंचे रोगी की बचाई जान

-कमालः हार्ट ब्लाॅकेज के कारण मरणासन्न स्थिति में पहुंचे रोगी की बचाई जान

- एक मिनट में 15 बार धड़क रहे रोगी को लगाया पेसामेकर -सामान्य व्यक्ति का दिल एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है गाजियाबाद, 27 अगस्त (हि.स.)। वैशाली के मैक्स अस्पताल के चिकित्सकों ने चिकित्सा के क्षेत्र में कमाल कर दिखाया। उन्होंने कंप्लीट हार्ट ब्लाक से जूझ रहे 63 वर्षीय जैनुल हक नामक व्यक्ति की उस वक्त जान बचाने में सफलता पायी जब वह मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए थे। चिकित्सकों के अनुसार जब जैनुल हक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था उस समय ब्लाकेज के कारण उनका दिल एक मिनट में सिर्फ 15 बार धड़क रहा था। जबकि एक सामान्य व्यक्ति का दिल एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कता है। डाक्टरों ने सफलतापूर्वक पेसमेकर प्रत्यारोपित कर मरीज की जान बचाने में कामयाबी पाई। मैक्स अस्पताल के कार्डियोलजी विभाग के सहायक निदेशक डाक्टर समीर कुब्बा ने बताया कि मरीज की ईसीजी जांच की गई तो कंप्लीट हार्ट ब्लकेज का पता चला। इसके बाद ईआर में ट्रांसक्यूटेनस पेसिंग किया गया और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। कोरोना काल में वेंटिलेटर पर मरीज की गहन निगरानी की गई। मरीज की हालत अस्थिर थी और यह डाक्टरों के लिए काफी चुनौती भरा था। मरीज को तत्काल अस्थायी पेसमेकर प्रत्यारोपण के लिए कैथ लैब शिफ्ट किया गया। छाती में संक्रमण, हेमोडायनेमिक अस्थरिता के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। छह दिन बाद हालत में सुधार होने पर मरीज के शरीर में स्थायी पेसमेकर प्रत्यारोपित किया गया। अब मरीज सामान्य जीवन जी रहा है। डाक्टर कुब्बा के मुताबिक, कंप्लीट हार्ट ब्लक बेहद ही खतरनाक स्थिति है, जो सेरेब्रल हाइपोक्सिया के कारण होता है। उनका कहना है कि अगर समय से इसकी पहचान या इलाज नहीं होता है तो जान भी जा सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली-hindusthansamachar.in

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