औरैया : फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करें मुसलमान : सैय्यद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती
औरैया : फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करें मुसलमान : सैय्यद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती

औरैया : फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करें मुसलमान : सैय्यद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती

शहर काजी बोले तौहीने रसूल किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी औरैया, 05 नवम्बर (हि. स.)। काजी ए शहर औरैया सैय्यद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती मियां ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में बताया कि कुछ दिन पूर्व एक फ्रांसीसी व्यक्ति ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कार्टून बनाकर उनकी शान में बहुत ही बड़ी गुस्ताख़ी की थी, इस खबर के प्रसारित होते ही पूरी दुनिया के मुसलमानों में दुख व क्रोध की लहर दौड़ गई, जिसके कारणवश हर तरफ से सख्त विरोध हो रहा है, साथ ही फ्रांसीसी सरकार से ये मांग भी की जा रही है कि ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की गुस्ताख़ी और ग़लती करने की हिम्मत ना कर सके, इन मांगों के चलते आश्चर्य उस समय हुआ जब फ्रांसीसी सदर ने अपने एक भाषण में ये कह कर अपनी इस्लाम दुश्मनी का ऐलान कर दिया कि हर व्यक्ति को अपने विचार व्यक्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता है। फ्रांसीसी सदर के इस नफरत भरे बयान ने आग में पेट्रोल डालने वाला काम किया है, जिससे पूरी दुनिया के मुसलमानों को बहुत दुख और तकलीफ हुई है और उनकी आस्था को ठेस पहुंची है। उन्होंने ये भी बताया कि फ्रांसीसी सदर के इस भड़काऊ बयान का पूर्ण विरोध करते हुए आस्ताना आलिया समदिया मिस्बाहिया फफूंद शरीफ के सज्जादा नशीन हजरत मौलाना शाह सैय्यद मुहम्मद अख्तर मियां चिश्ती साहब ने कहा कि मुसलमान अपने जान व माल पर तो हर तरह का बड़े से बड़ा हमला और नुकसान बर्दाश्त कर सकता है लेकिन पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में किसी भी तरह का छोटे से छोटा हमला और नुक्स या ज़र्रा बराबर भी गुस्ताख़ी व बे अदबी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। काजी ए शहर औरैया मौलाना सैय्यद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती साहब ने अपने जारी बयान में ये भी कहा कि दुनिया में बहुत सारे धर्म हैं और कोई भी धर्म अपने मानने वालों को किसी दूसरे धर्म में हस्तक्षेप और छेड़ छाड़ करने की इजाजत नहीं देता, इसके फलस्वरूप नफरत भड़काने वाले लोग अपनी घिनौनी और घटिया हरकतों से बाज नहीं आते। ऐसे लोगों के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्त से सख्त कानून बनाकर लागू करना चाहिए जिससे किसी को भी किसी भी धर्म में हस्तक्षेप करने की हिम्मत न हो सके। अंत में उन्होंने तमाम मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि मुसलमानों को फ्रांस की इस घिनोनी सोच का शांतिपूर्ण ढंग से जबरजस्त विरोध करना चाहिए। ऐसा काम बिल्कुल ना करें कि जिससे देश के अमन व शांति को हानि पहुंचे। इतना ही नहीं फ्रांसीसी उत्पादकों का भी बहिष्कार होना चाहिए ताकि उसे आर्थिक हानि से जूझना पड़े और इस तरह की गुस्ताखियों और बेहूदा हरकतों से बाज़ आ जाए। हिन्दुस्थान समाचार / सुनील/मोहित-hindusthansamachar.in

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