औरैया--कोरोना-के-चलते-इस-साल-नहीं-होगा-हुजूर-हाफिज-ए-बुखारी-का-सालाना-उर्स
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औरैया : कोरोना के चलते इस साल नहीं होगा हुजूर हाफिज-ए-बुखारी का सालाना उर्स

- इस साल होने वाला 119वां उर्स था, जिसमें कई राज्यों से हजारों की संख्या में शामिल होते थे जायरीन औरैया, 20 जनवरी (हि.स.)। देश की सुप्रसिद्ध खानकाह आस्ताना आलिया समदिया मिसबाहिया फफूंद शरीफ में हर साल होने वाला हुज़ूर हाफिज-ए-बुखारी रहमतुल्लाह अलैह का एक सौ उन्नीसवां उर्स इस साल कोरोना काल के चलते प्रशासन द्वारा अधिक संख्या में श्रद्धालुओं की परमीशन न मिलने की वजह से मुल्तवी (रद्द) कर दिया गया। यह जानकारी खानकाह के सज्जादा नशीन सैयद मु० अख्तर चिश्ती मिस्बाही ने दी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मीडिया को बताया कि ये हुज़ूर हाफिज-ए-बुखारी का इस साल 30, 31 जनवरी व एक फरवरी को होने वाला ये 119वां उर्स था, लेकिन इस साल मुल्क के हालत को देखते हुए कोरोना कॉल की वजह से सरकार ने राजनैतिक व धार्मिक कार्यक्रमों को करने के लिए कुछ निर्देश व नियम बनाये हैं। सरकार की इन बातों को ध्यान में रखते हुए और वतन के मौजूदा हाल को देखते हुए हम कोई भी धार्मिक तथा राजनैतिक कार्यक्रम शासन व प्रशासन की परमिशन के बिना नहीं कर सकते सरकार के इन निर्देशों का पालन करते हुए शासन व प्रशासन से उर्स की परमिशन मांगी गई थी। जिसके जवाब में जिला शासन की ओर से सिर्फ सौ लोगों के साथ उर्स करने की परमिशन दी गयी। उन्होंने बताया कि उर्स में उत्तर प्रदेश के अलावा मुल्क के अनेक राज्यों से हजारों की संख्या में लोग (श्रद्धालु) खानकाह उर्स में शामिल होने के लिए आते हैं उर्स को सौ लोगों के साथ करना हमारे लिए ना मुमकिन है इसलिए इस साल मुल्क के हालात को देखते हुए हुज़ूर हाफ़िज-ए-बुखारी का 30, 31 जनवरी व एक फरवरी को होने वाला 119वां उर्स रद्द किया जा रहा है। वहीं उन्होंने खानकाह से अकीदत रखने वाले मुरीदों (लोगों) से इस साल उर्स में आने से मना किया और अपने अपने घर पर ही फातिहा कर सवाब हासिल करने को कहा और कड़ाके की ठंड को देखते हुए उन्होंने मुल्क तमाम मुसलमानों विशेष रूप से खानक़ाह से अक़ीदत रखने वाले लोगों से गरीबों और बेसहारा लोगों को गरम कपड़े व कंबल देकर उनकी मदद करने के साथ मदरसों के मौलवी व मस्जिदों के इमाम जिनकी कोरोना कॉल की वजह से तनख्वाह रुकी हुई है, उनकी मदद करने की अपील की है। वहीं हर साल उर्स को लेकर खानकाह में उर्स की तैयारियां एक माह पूर्व ही जोरों से होने लगती थी और नगर के घरों में भी उर्स को लेकर साफ सफाई शुरू होजाती थी और उर्स के दौरान घरों में रिश्तेदार/मेहमानों की भीड़ जमा होती थी, जिससे गलियां गुलज़ार रहती थीं। वहीं खानकाह आने वाले हजारों लोगों से खानकाह के आसपास के अलावा नगर में चहल पहल के साथ एक अजीब रौनक देखने को मिलती थी। इस साल उर्स न होने की वजह से नगर व खानकाह में सन्नाटा पसरा रहेगा तो वहीं उर्स न होने की वजह से लोगों के चेहरे पर मायूसी देखने को मिलेगी। हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील-hindusthansamachar.in

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