एमएसपी हर हाल में करेंगे सुनिश्चित, बिचौलिये हड़प नहीं पाएंगे किसानों का लाभांश : योगी आदित्यनाथ
एमएसपी हर हाल में करेंगे सुनिश्चित, बिचौलिये हड़प नहीं पाएंगे किसानों का लाभांश : योगी आदित्यनाथ

एमएसपी हर हाल में करेंगे सुनिश्चित, बिचौलिये हड़प नहीं पाएंगे किसानों का लाभांश : योगी आदित्यनाथ

-कहा-गांवों के आत्मनिर्भर होने से समाज के अन्तिम व्यक्ति के जीवन में आएगा बदलाव -मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से दीन दयाल उपाध्याय पर व्याख्यान माला को किया सम्बोधित लखनऊ, 28 सितम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हो रहे हैं। इस सम्बन्ध में तीन नए कृषि कानूनों से किसान ‘एक नेशन, एक मार्केट’ के तहत अब अपना उत्पाद देश में कहीं भी विक्रय कर सकेगा तथा कोई टैक्स भी देय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा। इससे बिचौलिये किसानों का लाभांश हड़प नहीं पाएंगे। मुख्यमंत्री सोमवार को यहां वर्चुअल माध्यम से दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के सम्बन्ध में भाजपा लखनऊ महानगर द्वारा आयोजित व्याख्यान माला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय का मानना था कि किसी समाज की आर्थिक प्रगति का आकलन उसमें सम्पन्न व्यक्तियों की स्थिति नहीं बल्कि समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों की स्थिति से होती है। उनका कहना था कि गांवों के आत्मनिर्भर होने से समाज के अन्तिम व्यक्ति के जीवन व स्थिति में सकारात्मक बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि यह वर्ष कई अर्थां में अत्यन्त महत्वपूर्ण वर्ष है। इस दौरान पूरा विश्व कोरोना की महामारी से प्रभावित है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सही समय पर उचित निर्णय लिये जाने से हमारा देश सुरक्षित स्थिति में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय संवेदनशीलता को बहुत महत्वपूर्ण मानते थे। उनका मानना था कि पूरे देश व समाज में ऐसी संवेदनशीलता की आवश्यकता है, जिससे कहीं भी कोई व्यक्ति गरीबी, बेचारगी, अभाव से ग्रस्त न हो। प्रधानमंत्री मोदी ऐसी ही संवेदना से युक्त हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज के अन्तर्गत 80 करोड़ लोगों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था, रसोई गैस की व्यवस्था, वृद्ध, निराश्रित महिला व दिव्यांगजन के लिए अग्रिम पेंशन की व्यवस्था तथा उपचार की व्यवस्था की गयी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अतिरिक्त आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित आर्थिक पैकेज में भी कहीं न कहीं दीन दयाल उपाध्याय की प्रेरणा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज को प्रभावी ढंग से लागू किया। साथ ही, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक पैकेज को भी लागू किया गया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान का आधार स्वदेशी व स्वावलम्बन है। यह देश की जीवन्त अर्थव्यवस्था, भारत की परम्परागत कारीगरी व परम्परागत शिल्प की पुनर्स्थापना से जुड़ा हुआ है। आत्मनिर्भरता का आशय डिमाण्ड और सप्लाई के मध्य सन्तुलन से है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा ऐसे कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं, जो आत्मनिर्भर भारत के अंग हैं। उत्तर प्रदेश में देश की 17 प्रतिशत से अधिक आबादी निवास करती है। देश की जीडीपी में प्रदेश का योगदान 08 प्रतिशत का है। प्रदेश की 56 प्रतिशत आबादी युवा व कामकाजी है। हमारा प्रदेश असीम सम्भावनाओं वाला प्रदेश है, जिसमें देश की आत्मा निवास करती है। उन्होंने कहा कि 24 जनवरी, 2018 को प्रथम उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गयी। यह परम्परागत शिल्प व कारीगरी को एक आधार देने की योजना है। इस योजना के माध्यम से एक वर्ष में प्रदेश के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे प्रदेश का आर्थिक उन्नयन होने के साथ ही युवाओं के लिए रोजगार में भी वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही दूसरे उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की गयी। यह योजना महात्मगा गांधी के ग्राम स्वराज की संकल्पना को साकार करने वाली योजना है। इसके अन्तर्गत ग्रामीण परिवेश में विभिन्न परम्परागत कार्यां से जुड़े कारीगरों को ट्रेनिंग और टूलकिट उपलब्ध कराया गया है। साथ ही, मुद्रा योजना के माध्यम से भी बैंकों द्वारा ऋण भी उपलब्ध कराया गया। योजना के तहत 20 हजार करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में लगभग 06 करोड़ एमएसएमई इकाइयां हैं। इनमें से लगभग 90 लाख हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर में असीम सम्भावनाएं हैं। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर पैकेज के अन्तर्गत राज्य सरकार ने पहले चरण में 04 लाख 32 हजार एमएसएमई इकाइयों को 10 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिलाया है। इसी प्रकार इस क्षेत्र के नवउद्यमियों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में वापस आये 40 लाख श्रमिकों को भी कार्य उपलब्ध कराया गया। साथ ही, स्वरोजगार के इच्छुक श्रमिकों की भी सहायता की गयी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले उत्पादों को बाजार उपलब्ध होगा तो बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा होगा। आर्थिक प्रगति भी होगी और विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय / रामानुज-hindusthansamachar.in

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