उप्र में दवा विक्रेताओं और हेल्थकेयर के फ्रंटलाइन वर्कर्स में नहीं मिला व्यापक संक्रमण
उप्र में दवा विक्रेताओं और हेल्थकेयर के फ्रंटलाइन वर्कर्स में नहीं मिला व्यापक संक्रमण

उप्र में दवा विक्रेताओं और हेल्थकेयर के फ्रंटलाइन वर्कर्स में नहीं मिला व्यापक संक्रमण

-12,299 कोरोना नमूनों में मात्र 72 में संक्रमण की हुई पुष्टि -26 जिलों में 0.58 प्रतिशत लोग ही पाए गए संक्रमित लखनऊ, 04 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच एक और राहत देने वाली खबर है कि राज्य में दवा विक्रेताओं, फ्रंटलाइन पर रहकर मेडिकल स्क्रीनिंग, सेनेटाइज आदि काम करने वाली स्वास्थ्य टीमों में संक्रमण नहीं पाया गया है। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण का स्तर जानने के लिए लगातार रैंडम सैम्पल लेकर जांच की जा रही है। इसी कड़ी में सभी 75 जनपदों में दवा विक्रेताओं और हेल्थकेयर के फ्रंटलाइन वर्कर्स की रैंडम जांच करवाई गई, जिसमें 26 जनपदों में संक्रमण पाया गया। हालांकि कुल 12,299 नमूनों में से मात्र 72 में ही कोरोना की पुष्टि हुई, जो कि मात्र 0.58 प्रतिशत है। जबकि काफी सम्भावना थी कि इनमें संक्रमण हो सकता है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि इस तरह यह साफ हुआ है कि प्रदेश में इस वर्ग में भी संक्रमण नियंत्रित है। राज्य की 23 करोड़ आबादी के बीच फल-सब्जी विक्रेता, पटरी दुकानदार, रेहड़ी-पटरी विक्रेता, शहरी झुग्गी-झोपड़ियों और गांवों में अभी तक करायी रैंडम जांच में सामूहिक संक्रमण का प्रसार नहीं पाया गया। यह लोगों के सामाजिक दायित्व को निभाने के कारण कारण हुआ है। अनलॉक में आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। ऐसे में लोग विशेष सतर्कता बरतें। अपने साथ-साथ दूसरों को भी संक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों को अपनाएं। फल-सब्जी विक्रेता, पटरी दुकानदारों में 01 प्रतिशत से भी कम लोग मिले संक्रमित इससे पहले राज्य में फल-सब्जी विक्रेता, पटरी दुकानदार, रेहड़ी-पटरी विक्रेता और सड़क किनारे ढाबा संचालकों में भी व्यापक संक्रमण नहीं पाया गया। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में इस वर्ग के लोगों की रैंडम जांच करवाई गई। इनमें 5,508 कोरोना नमूने लिए गए, जिसमें से 19 जिलों में संक्रमण पाया गया और मात्र 50 लोग संक्रमित मिले हैं। इस तरह यह 01 प्रतिशत से भी कम है। वृद्धाश्रमों में मात्र 03 और बाल गृहों में 02 जनपदों में मिला था संक्रमण वहीं राज्य के वृद्धाश्रमों और बाल सुधार गृहों में रहने वाले लोगों के बीच भी व्यापक संक्रमण नहीं पाया गया था। राज्य के सभी 75 जनपदों में से मात्र 03 जनपदों सुलतानपुर, कुशीनगर और जालौन के वृद्धाश्रमों में रैंडम जांच के दौरान संक्रमण मिला था। अन्य 72 जिले इससे पूरी तरह महफूज पाये गये। इसी तरह बाल गृह, बाल सुधार गृह, बालिका संरक्षण गृहों में भी पूरे प्रदेश में रैंडम सैम्पलिंग करवाई गई। इनमें 75 जनपदों में मात्र 02 जनपदों मेरठ और कानपुर नगर में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। शेष 73 जिलों में संक्रमण नहीं पाया गया। 58 जिलों में शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में नहीं पाया गया संक्रमण प्रदेश के सभी 75 जनपदों में शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में की गई रैंडम जांच में भी 58 जिलों में संक्रमण नहीं पाया गया था। केवल 17 जनपदों में इसकी पुष्टि हुई थी। इस दौरान कुल 3,475 कोरोना नमूनों की रिपोर्ट में से मात्र 65 में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। प्रदेश में इन बस्तियों में रहने वाले 1.87 प्रतिशत लोग ही पॉजिटिव मिले थे। 18 जनपदों के गांवों में भी नहीं मिला समुदाय में कोरोना का प्रसार प्रदेश के 18 जनपदों के 72 गांवों में भी कोरोना जांच की गई थी। यहां सबसे अधिक प्रवासी कामगार आये थे। इन लोगों के आने के 15 दिन से ज्यादा का समय गुजरने के बाद यहां 1,686 सामान्य नागरिकों की कोरोना जांच की गई, जिससे समुदाय में संक्रमण के स्तर का पता चल सके। इनमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/राजेश-hindusthansamachar.in

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