उप्र में अब 14 जनपदों में 172 गांव जलमग्न, सिर्फ गंगा खतरे के निशान से ऊपर
लखनऊ, 04 सितम्बर (हि.स.)। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल बाढ़ की ताजा स्थिति की जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति स्थिर बनी हुई है। वर्तमान में प्रदेश के 14 जनपद अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रुखाबाद, गोण्डा, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 421 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जिसमें से 172 गांव मैरुंड या जलमग्न हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह प्रदेश की प्रमुख नदियों की स्थिति में भी सुधार देखने को मिला है। वर्तमान में गंगा नदी बलिया में गायघाट पर अपने खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। इसके अलावा अब कोई अन्य प्रमुख नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ से जो फसलें नष्ट हुई हैं, उनका तत्काल सर्वे किया जाए। जिलाधिकारियों को 15 सितम्बर तक यह कार्य पूर्ण करने के आदेश दिए गए हैं। अब तक 384 बाढ़ शरणालयों की स्थापना की गई है। लेकिन, बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के कारण वर्तमान में कोई भी यहां नहीं रह रहा है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 10 टीमें, एसडीआरएफ 07 टीमें व पीएसी की 09 टीमों को मिलाकर कुल 26 टीमें तैनात की गयी हैं।अभी तक कुल 1,86,136 परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण किया गया है। प्रदेश में 784 बाढ़ चौकियों की भी स्थापना की गई है। 528 पशु शिविर संचालित किए गए हैं जिसमें 7,49,670 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,807 कुंतल भूसा वितरित किया गया है। इसी तरह प्रभावित परिवारों को बीते चौबीस घंटे में 1,300 मीटर तिरपाल को मिलाकर कुल 3,44,520 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। प्रभावित जनपदों में लगाई गई नावों की संख्या में भी अब कमी आई है। वर्तमान में 152 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं। उन्होंने बताया कि 351 मोबाइल मेडिकल टीम लगाकर प्रभावित लोगों का उपचार किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in