उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् भव्यता से मनाएगा 'शताब्दी समारोह'
उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् भव्यता से मनाएगा 'शताब्दी समारोह'

उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् भव्यता से मनाएगा 'शताब्दी समारोह'

-कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रयागराज व समापन जनपद लखनऊ में -'लोगो' व 'शताब्दी गीत' के चयन को जनवरी, 2021 में प्रतियोगिता की जायेगी आयोजित लखनऊ, 18 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा के समक्ष माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को यहां उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शताब्दी समारोह मनाये जाने की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण किया। प्रस्तुतिकरण के समय राज्यमंत्री माध्यमिक शिक्षा श्रीमती गुलाब देवी एवं अपर मुख्य सचिव श्रीमती आराधना शुक्ला भी उपस्थिति रही। उप मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने बताया कि शताब्दी समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ जनपद प्रयागराज में तथा समापन कार्यक्रम जनपद लखनऊ में आयोजित किया जायेगा। समारोह में पुरा छात्र समागम कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता, ड्राइंग प्रतियोगिता एवं खेल-कूद तथा निबंध सहित विभिन्न प्रतियोगितायें आयोजित की जायेंगी। सभी विद्यालयों के मुख्य द्वार पर परिषद् के शताब्दी वर्ष का 'लोगो' लगाया जायेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि शताब्दी समारोह में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्री एवं उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् से उत्तीर्ण भारत सरकार की अन्य प्रमुख लोगों के अतिरिक्त अन्य राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जायेगा। इस अवसर पर स्मारिका का प्रकाशन किया जायेगा तथा डाक टिकट एवं विशेष सिक्का जारी किये जाने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा। उन्होंने बताया कि शताब्दी समारोह के लिये 'लोगो' एवं 'शताब्दी गीत' के चयन के लिए जनवरी, 2021 में प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। चयनित उत्कृष्ट 'लोगो' एवं 'गीत' के लिये विजेताओं को पुरस्कृत किया जायेगा, इसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वालो को क्रमशः 21 हजार, 11 हजार एवं 05 हजार का पुरस्कार दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1923 के पूर्व प्रदेश में हाई स्कूल व इन्टरमीडिएट की परीक्षायें इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा संचालित की जाती थी। वर्ष 1921 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थान लेने के लिये एक परिषद् की स्थापना के लिए इन्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम-1921 बनाया गया, जो 01 अप्रैल 1922 का प्रवृत्त हुआ। विधान परिषद् से पारित होने के बाद अधिनियम पर प्रदेश के तत्कालीन गवर्नर द्वारा 30 सितम्बर 1921 को स्वीकृति प्रदान की गयी। 10 दिसम्बर 1921 को अनुमति गवर्नर जनरल ऑफ इण्डिया द्वारा दी गयी तथा 07 जनवरी 1922 को भारत सरकार द्वारा अधिनियम का प्रकाशन किया गया। अन्ततः 01 अप्रैल 1922 को इन्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम प्रवृत्त हुआ। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/दीपक-hindusthansamachar.in

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