इनोवेशन के लिए सरकार आर्थिक रूप से कर रही सहयोग : सतीश महाना
अयोध्या, 12 अगस्त (हि.स.)। डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं विज्ञान भारती अवध प्रांत के संयुक्त संयोजन ”फ्यूचर रिस्ट्रक्चरिंग थू्र इनोवेशन” विषय पर बुधवार को तीन दिवसीय वर्कशॉप का शुभारम्भ किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने देश में आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर जोर देते हुए प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार की कई सारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि इस तरह के इनोवेशन के लिए सरकार आर्थिक रूप से सहायता भी प्रदान कर रही है। श्री महाना ने कहा कि इस आपदा काल में आत्मनिर्भर बनकर देश को विश्वगुरू बनाने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि वे अपने विचारों को मूर्त रूप देने और स्वयं को आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ देश की प्रगति में सहयोग करें। कार्यक्रम में विज्ञान भारती के अखिल भारतीय संगठन सचिव जयंत सहस्त्रबुद्धे ने राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने एवं उसके होने वाले दूरगामी परिणामों पर चर्चा की। बताया कि नवाचार सिर्फ शोकेस नहीं है बल्कि जमीनी स्तर पर भी लाभप्रद होना चाहिए। विशिष्ट अतिथि नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के वाइस चेयरमैन एनपी राजीव ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में कार्य करते समय समस्यायें आती हैं। वही समस्यायें इनोवेशन की जननी है। विशेष रूप से जब आज पूरी दुनिया कोरोना जैसे वायरस का दंश झेल रही है, तब हमें आगे आना होगा और देश के विकास के लिए एक नये इनोवेशन को लाना होगा। एडीशनल मिशन के निदेशक एनएचएम यूपी के डॉ.हीरालाल, आईएएस ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार आवश्यकता पड़ने पर इनोवेशन से समस्याओं को दूर किया जा सकता है। भू-जल बचाओ, पेय जल बढ़ाओ योजना द्वारा बांदा में पानी की समस्याओं का अंत हुआ और पानी का संरक्षण किया जाने लगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने कहा कि इस आपदा में संभावनाओं को तलाशने के लिए हमें असंभव में जाना होगा। तभी हम अपने मार्ग को प्रशस्त कर सकते हैं। किसी भी संस्था को मार्केट में बने रहने एवं इकोनामिक ग्रोथ में भागीदार बनने के लिए इनोवेशन की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। आज की इस महामारी में भारत ने मेडिकल तथा दवाओं के क्षेत्र में अपने को अपग्रेड किया है। अपग्रेड के बिना इनका मार्केट में बना रहना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि आज समाज की डिमांड इकोनामिक ग्रोथ एवं एजुकेशनल ग्रुप के साथ-साथ एनवायरमेंटल ग्रोथ भी है। मेक इन इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत मिशन, ऑफ गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से प्रेरित होकर यह कार्यक्रम किया जा रहा है। मिट्टीकूल के संस्थापक मंसुख भाई प्रजापति ने मिट्टी से बने इनोवेशन को साझा किया। विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल की निदेशक डॉ. गीतिका श्रीवास्तव एवं इंजीनियर मनीषा यादव ने संचालन किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान भारती अवध प्रांत के चीफ कोऑर्डिनेटर इनोवेशन भारत मिशन के संदीप द्विवेदी एवं विज्ञान भारती की श्रेयांश मंडोली ने किया। हिन्दुस्थान समाचार/पवन/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in