इनामी बदमाश की लखनऊ मुठभेड़ में हत्या की एसआईटी से जांच की मांग में याचिका
- एएसपी व सीओ एसटीएफ को नोटिस जारी प्रयागराज, 14 अक्टूबर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी का इनामी गुर्गा बताकर एसटीएफ टीम द्वारा राकेश पांडेय उर्फ हनुमान की मुठभेड़ दिखाकर मारे जाने की सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की माग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने एसटीएफ लखनऊ के एएसपी राजेश कुमार सिंह व डीएसपी शैलेश को नोटिस जारी की है। याचिका में इन दोनों अधिकारियों पर अस्पताल में भर्ती याची के पति राकेश पांडेय की फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने का आरोप लगाया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी तथा न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने सरोज लता पांडेय की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि उसके पति विधायक कृष्णानंद राय केस में सीबीआई कोर्ट से बरी हो चुके हैं। कोतवाली मऊ केस में भी बरी कर दिया गया है। थाना कोपागंज मऊ व थाना इंडस्ट्रियल एरिया प्रयागराज में दर्ज एफआईआर में नाम नहीं है। विवेचनाधिकारी ने उन्हें पूछताछ के लिए कभी नहीं बुलाया। जिन मुकदमों का ट्रायल चल रहा है, उनमें जमानत पर है। याची का कहना है कि एसटीएफ ने लखनऊ अस्पताल से रात में उठा लिया और सरोजनी नगर एरिया में मुठभेड़ दिखाकर मार डाला गया। याची ने डीएसपी को मुख्तार अंसारी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। वह जौनपुर निवासी है। चंदौली में भी जमीन है और वाराणसी में इंस्पेक्टर थे। यही पर सीओ के रूप में वर्षों से जमे हुए हैं। याची के पति के खिलाफ सरोजनी नगर में एसटीएफ की एफआईआर मनगढंत है। फर्जी मुठभेड़ को कवर करने के लिए दर्ज करायी है। याचिका की अगली सुनवाई 18 नवम्बर को होगी। हिन्दुस्थान समाचार/आरएन-hindusthansamachar.in