अस्ताचलगामी सूर्य को आस्था का अर्घ्य देकर सुहागिन व्रतियों ने मांगी मंगल कामनाएं
अस्ताचलगामी सूर्य को आस्था का अर्घ्य देकर सुहागिन व्रतियों ने मांगी मंगल कामनाएं

अस्ताचलगामी सूर्य को आस्था का अर्घ्य देकर सुहागिन व्रतियों ने मांगी मंगल कामनाएं

कानपुर, 20 नवम्बर (हि. स.)। सूर्यपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन शुक्रवार को नगर के विभिन्न घाटों पर महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इस मौके पर पूजन-अर्चन भी किया गया छठ पर्व को लेकर उत्साह का माहौल रहा। नगर के घाटों पर महिलाओं और युवतियों की खासी भीड़ उमड़ी।पर्व के चौथे और अंतिम दिन शनिवार को महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देंगी। इसके बाद ही व्रती उपवास खोलेंगी और प्रसाद ग्रहण करेंगी। शहर के गंगा बैराज पनकी विजय नगर अर्मापुर शास्त्री नगर आदि क्षेत्र के स्थायी व अस्थायी घाटों पर छठ पर्व के तहत शुक्रवार सायं सूर्य का पहला अर्घ्य देने के लिए व्रती महिलाओं की भारी भीड़ रही। श्रद्धालु विधि-विधान से पूजा पाठ में जुटे रहे। गौरतलब है कि, छठ पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ डूबते सूरज की भी वंदना की जाती है। कानपुर नगर की महापौर प्रमिला पान्डेय ने भी अपने परिजनों के साथ छठ की पूजा अर्चना की और सूर्य भगवान से मंगल कामना की। यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें सूर्य को दीया दिखाना उस सूर्य के प्रति कृतज्ञयता दिखाना है। जो हमारे जीवन में उजियारा फैलाता है। हमारे लोक की जुबानी परंपरा में यह बात अक्सर कही जाती है। कि डूबते हुए सूर्य की पूजा कोई नहीं करता। लेकिन छठ का यह महापर्व इस बात को झूठ साबित करता है। यह पर्व यह बताता है कि हमारा समाज उदीयमान सूर्य का जितना सम्मान करता है। वही कृतज्ञयता और वही सम्मान उसके मन में अस्ताचलगामी सूर्य का भी है। तो प्रकृति की पूजा का यह महापर्व अपने तीसरे दिन अब अपने चरम पर रहा। शनिवार की सुबह के अर्घ्य के साथ छठ महापर्व संपन्न हो जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु/मोहित-hindusthansamachar.in

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