अय्याम ए अज़ा की आखिरी दो रातें, अज़ाखानों में गूंजी या हुसैन अलविदा की सदायें
अय्याम ए अज़ा की आखिरी दो रातें, अज़ाखानों में गूंजी या हुसैन अलविदा की सदायें

अय्याम ए अज़ा की आखिरी दो रातें, अज़ाखानों में गूंजी या हुसैन अलविदा की सदायें

-कोविड प्रोटोकाल के पालन में शहर में नहीं उठ रहे जुलूस, साठे के जूलूस का फातमान में ज़ियारत वाराणसी, 24 अक्टूबर (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना संकट काल के अनलॉक के दौर में जिले का शिया समुदाय मोहर्रम की रवायतों ( परम्पराओं) को शांतिपूर्ण ढंग से कोविड प्रोटोकाल का पालन कर निभा रहा है। संक्रमण को देखते हुए न तो ताजिया उठाया और न ही दुलदुल का जुुलूस समुदाय ने निकाला। शनिवार को इसी क्रम में रबी उल अव्वल की 6 तारीख और अय्याम ए अज़ा की आखिरी दो रातें (साठे के जुलूस के पूर्व) को देख शहर में जुलूस नही उठाया गया। अज़ाखानों में मजलिस हुई। पुरानी अदालत में शबीर ओ सफदर के अज़ा खाने पर मौलाना अब्बास इरशाद नक़वी ने 7वी नूरानी तक़रीर की, शायर नय्यर मजीदी लखनउ ने कलाम पेश किए । जिसके बाद अंजुमन हुसैनिया बलवाघाट जौनपुर ने नौहाख्वानी की। चौहट्टा लाल खां में डॉ शफ़ीक़ हैदर के अज़ाखाने पर मजलिस को मौलाना अमीन हैदर हुसैनी ने खिताब किया। जिसके बाद अंजुमन हुसैनिया और अंजुमन सज्जादिया ने नौहा ओ मातम किया। इसी तरह नइ सड़क पर दो जगह ख्वातीन (महिलाओं) की बड़ी मजलिसों का आयोजन हुआ, सादे खान की मस्जिद में और मरहूम इब्ने हसन के निवास पर । यहां ख्वातीन ने या हुसैन की सदायें बुलंद की और या सकीना या अब्बास की सदाए बुलंद की। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने 'हिन्दुस्थान समाचार' को बताया कि 25 अक्टूबर को दिन में उठने वाले चार जुलूस भी नहीं उठेंगे, बस उनकी जगह बड़ी मजलिसें होंगी और अलम ताबूत अमारियों की ज़ियारत होंगी। उन्होंने बताया कि रविवार को अंजुमन हुसैनिया कच्ची बाग अंगारों का मातम करेगी। साठे के जुलूस का 26 अक्टूबर को फातमान में ज़ियारत होगी। उन्होंने बताया कि इमाम हुसैन की शहादत के 60 दिन बाद ये जुलूस उठाया जाता है। शियों के 11 इमाम हसन अस्करी की शहादत पर उठाया जाता है। इमाम हसन अस्करी की शहादत 8 रबी उल अव्वल सं 260 हिजरी को हुई और इनका रौज़ा ए मुबारक सामरा इराक में है । उन्होंने बताया कि पितरकुंडा शकील ज़ैदी के निवास पर मजलिस हुई और अलम ताबूत दुलदुल की ज़ियारत हुई। अजादारों ने दो गज की दूरी का पालन किया और मास्क लगाए रखा। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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