अयोध्या की पुरातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए किया जाए विकसित: योगी आदित्यनाथ
अयोध्या की पुरातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए किया जाए विकसित: योगी आदित्यनाथ

अयोध्या की पुरातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए किया जाए विकसित: योगी आदित्यनाथ

कहा-सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने की जरूरत -मुख्यमंत्री ने की रामनगरी के विकास कार्यों की समीक्षा, पवित्र नगरी को मिलेगी नई पहचान लखनऊ, 03 सितम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने की जरूरत है। इससे जहां एक ओर पर्यावरण संरक्षित व संतुलित रहेगा, वहीं दूसरी ओर इस पवित्र नगरी को एक नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर अयोध्या के विकास कार्यों के सम्बन्ध में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अन्तर्विभागीय समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार अयोध्या में मूलभूत पर्यटन सुविधाओं सहित समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार के प्रयासों में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के विकास में और गति आए, इसके लिए हर स्तर पर त्वरित निर्णय लेकर सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करना आवश्यक है। निर्माण कार्यों में दिखे स्थानीय स्थापत्य की झलक मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व में अयोध्या भगवान श्रीराम की नगरी के रूप में जानी जाती है। अयोध्या धाम का पौराणिक महत्व है। इसलिए इसकी पुरातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए अयोध्या को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में स्थानीय स्थापत्य की झलक दिखनी चाहिए। गुप्तार घाट से नए घाट तक रिवर फ्रण्ट किया जाएगा विकसित उन्होंने अयोध्या के सभी घाटों को संरक्षित करते हुए इनका सौन्दर्यीकरण किए जाने के निर्देश दिए। गुप्तार घाट से नए घाट तक रिवर फ्रण्ट विकसित किया जाए। रिवर फ्रण्ट के विकास से अयोध्या में एक नवीन पर्यटन आकर्षण स्थल उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मल्टीलेवल पार्किंग ऐसी हो, जिससे इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा सके। उन्होंने बिजली के तारों को अण्डरग्राउण्ड करने की कार्यवाही तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए। परिक्रमा मार्गों पर सुविधाजनक तरीके से परिक्रमा कर सकेंगे श्रद्धालु मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के बाधारहित आवागमन पर विशेष ध्यान दिया जाए। अयोध्या में 02 बस अड्डों की व्यवस्था के लिए कार्यवाही की जाए। पंचकोसी, चौदहकोसी तथा चौरासीकोसी परिक्रमा मार्गों को इस प्रकार विकसित किया जाए, जिससे श्रद्धालु सुगमतापूर्वक परिक्रमा कर सकें। अयोध्या के सभी मार्गों का सुदृढ़ीकरण, चौड़ीकरण, मरम्मत, जो भी आवश्यक हो, उसे प्राथमिकता पर किया जाए। गुणवत्ता के साथ कराया जाए राम-जानकी मार्ग का निर्माण मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि नगर के मुख्य मार्गों के चौड़ीकरण के कार्य में अयोध्या विकास प्राधिकरण का सहयोग भी प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि राम-जानकी मार्ग का निर्माण पूरी गुणवत्ता के साथ कराया जाए। पौराणिक महत्व से जुड़ी इस परियोजना के पूरा हो जाने पर पूर्वांचल के अनेक जनपदों में विकास की रफ्तार तेज होगी। अच्छे होटलों के निर्माण को बढ़ावा देने पर जोर मुख्यमंत्री ने कहा कि निकट भविष्य में अयोध्या में देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि सम्भावित है। इसके दृष्टिगत अयोध्या में अच्छे होटलों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए आवश्यक भूमि का चिह्नांकन किया जाए। धर्मशाला एवं विश्रामालय सुविधाओं का विस्तार कराया जाए। ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था की जाए। उन्होंने अयोध्या में हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए। अयोध्या के विश्वस्तरीय प्रचार-प्रसार की बेहतर योजना की जाए तैयार मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या के विश्वस्तरीय प्रचार-प्रसार की बेहतर योजना तैयार की जाए। इसके साथ ही, अयोध्या में गाइड की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्यवाही प्रारम्भ की जाए। इससे जहां एक ओर पर्यटकों को सुविधा होगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सुलभ होंगे। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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