अभाविप ने लाभ हानि की परवाह किए बगैर छात्र हितों के लिए किया संघर्ष: बोरिकर

अभाविप ने लाभ हानि की परवाह किए बगैर छात्र हितों के लिए किया संघर्ष: बोरिकर
अभाविप ने लाभ हानि की परवाह किए बगैर छात्र हितों के लिए किया संघर्ष: बोरिकर

-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अवध प्रांत कार्यसमिति की बैठक का आयोजन लखनऊ, 20 सितम्बर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख श्रीहरि बोरिकर ने रविवार को यहां कहा कि अभाविप ने शैक्षिक व सामाजिक परिवेश की प्रत्येक चुनौतियों का सामना किया है। इस संगठन ने लाभ हानि की परवाह किए बगैर सदैव छात्र हितों के लिए संघर्ष किया है। श्रीहरि बोरिकर आज यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अवध प्रांत की कार्यसमिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा का भारतीयकरण होना चाहिए, इसके माध्यम से ही हम समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षित करने के स्वप्न को पूरा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि अभाविप सिर्फ शैक्षिक प्रतिविधियों के लिए ही कार्य नहीं करता अपितु वह समाज व राष्ट्र के हित हेतु आपदा काल मे भी अपना योगदान सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कोरोना संकट काल है। लॉकडाउन के दौरान भी एबीवीपी ने समाज सेवा का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ग्रामीण समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की वस्तुस्थिति की अनुभूति कर सकें इस हेतु अभाविप द्वारा सामाजिक अनुभूति कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। बोरिकर ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शैक्षिक व सामाजिक परिवेश की प्रत्येक चुनौतियां का सामना किया है। अभाविप द्वारा छात्रों के हितों के लिए बिना हानि-लाभ की परवाह किये संघर्ष किया गया है। छात्रों हितों की खातिर हमे आलोचनाओं आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी है किंतु हमने लोकलुभावन राजनीति की बजाय छात्र के हितों को सर्वोपरि रखा। विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान मे रखते हुए परीक्षा के पक्ष में हमने कहा कि विकल्पों के साथ परीक्षाएं कराई जाएं। कोरोना काल में नियमों का पालन करते हुए एवं विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए परीक्षाएं हो, इसका पूरा ध्यान शिक्षण संस्थानों को रखना चाहिए। अभाविप अवध प्रांत के अध्यक्ष डॉक्टर सर्वेश सिंह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद अपनी विशेष कार्य पद्धति के कारण ही अनेक छात्र संगठनों से अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुई है। हम विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन हैं। विद्यार्थी हमारी ओर उम्मीद भरी निगाह से देखता है। इस कारण हमारा दायित्व और बढ़ जाता है। हम विद्यार्थियों की अपेक्षाओं पर कैसे ठीक उतरें कैसे उनकी समस्याओं का समाधान कर सकें और कैसे रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न प्रकार की रूचि रखने वाले विद्यार्थियों को अवसर दे सकें, इसके लिए हम समय-समय पर ऐसी संगठनात्मक बैठकों का आयोजन करते हैं। उन्होंने बताया कि आगामी सत्र में संगठन की गतिविधि की योजना रचना इस बैठक में बनाई जाएगी। प्रांत मंत्री अंकित शुक्ला ने बताया कि विद्यार्थी परिषद प्रतिवर्ष प्रांत कार्यसमिति बैठक के दौरान विद्यार्थी परिषद द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा एवं आगामी सत्र की योजना बनाती है। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय बैठक के दौरान आगामी सत्र को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सामाजिक व शैक्षिक परिवेश से सम्बंधित प्रस्ताव पारित किए जाएंगे इस प्रस्ताव के आधार पर ही परिषद आगामी सत्र में अपनी गतिविधियों को संचालित करेगी, वर्तमान महामारी की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी परिषद इस वर्ष ऑनलाइन सदस्यता अभियान चला रही है। पूर्व में श्रीहरि बोरिकर, डॉ सर्वेश सिंह, प्रांत संगठन मंत्री घनश्याम शाही एवं प्रांत मंत्री अंकित शुक्ला ने माँ सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्रों के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर बैठक का शुभारंभ किया। कार्यसमिति की बैठक में प्रमुख रूप से परिषद के राष्ट्रीय मंत्री राहुल वाल्मीकि, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व प्रांत सहमंत्री अजीत प्रताप सिंह, प्रान्त सह मंत्री ईशदीप कौर, नेहा खान, आकाश पटेल, शशांक कसौधन, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य अपर्णा मिश्रा, प्रांत उपाध्यक्ष संजय बाजपेई, पंकज सिंह, डा.मोनिका परमार, डॉक्टर मीनू दुबे, डॉ अमित कुशवाहा और डॉ. नागेंद्र सिंह समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी-hindusthansamachar.in

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