अपहरण के आरोपी की जमानत याचिका निरस्त
अपहरण के आरोपी की जमानत याचिका निरस्त

अपहरण के आरोपी की जमानत याचिका निरस्त

मीरजापुर, 18 सितम्बर (हि.स.)। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट जितेंद्र मिश्रा ने बालिका का अपहरण करने के आरोपित की जमानत याचिका शुक्रवार को निरस्त कर दी। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद कहा कि आरोपित को जमानत दिए जाने का कोई पर्याप्त आधार नहीं बनता। इसलिए इसकी याचिका खारिज की जाती है। अभियोजन एवं वादी मुकदमा सुरेंद्र कुमार ने 13 जुलाई 2020 को लालगंज थाने में तहरीर दी। बताया कि शाम पांच बजे उसकी छह वर्षीय पुत्री घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान आरोपित दीपक चौबे आया और अगवा कर भागने लगा। यह देख उसकी बड़ी पुत्री उसका पीछा करने के लिए दौड़ी तो उसे भी बाइक पर बैठाकर लहंगपुर से जैकर की ओर जाने लगा। बड़ी बेटी ने बाइक रोकने को कहा लेकिन उसने नहीं रोकी। इसी बीच दोनों पुत्रियां बाइक से गिरकर घायल हो गई। उसे आशंका है कि शोभनाथ दूबे के सह पर आरोपित उसकी दोनों पुत्रियों का अपहरण कर हत्या करना चाहता था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर दोनों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर शोभनाथ दूबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल से आरोपित शोभनाथ ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट में अपने जमानत की अर्जी दी। जिसकी सुनवाई शुक्रवार को हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल को निर्दोष बताते हुए उसे झूठे मुकदमें में फंसाने की साजिश बताई। इस पर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सच्चिदानंद तिवारी ने जमानत का कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि आरोपित का अपराध गंभीर है। पीड़िता नाबालिग है। उसने 164 के बयान में घटना का समर्थन किया है। यहीं नहीं अगर इसे जमानत दिया गया तो जांच प्रभावित कर सकता है। इस पर न्यायाधीश ने आरोपित की जमानत याचिका निरस्त कर दी। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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