अनिश्चितता के प्रति हमारी प्रतिक्रिया तय करती है समस्या है या नहीं: प्रो. आशीष जौहरी
अनिश्चितता के प्रति हमारी प्रतिक्रिया तय करती है समस्या है या नहीं: प्रो. आशीष जौहरी

अनिश्चितता के प्रति हमारी प्रतिक्रिया तय करती है समस्या है या नहीं: प्रो. आशीष जौहरी

-लखनऊ विवि ने “अनिश्चितता से निपटना एवं संकट के समय लचीलापन विषय पर कराया वेबिनार लखनऊ, 28 अक्टूबर (हि.स.)। लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग एवं हार्टफुल कैंपस के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार श्रृंखला का बुधवार को समापन हो गया। तीसरे दिन का विषय रहा “अनिश्चितता से निपटना एवं संकट के समय लचीलापन”। कार्यक्रम का सम्पादन ज़ूम प्लेटफार्म के माध्यम से हुआ एवं वह यूट्यूब पर लाइव भी प्रसारित किया गया। बुधवार को विशेषज्ञ हार्टफुल कैंपस के डॉ. आशीष जौहरी रहे जो कि सिनर्जी एचआर नामक संस्था में प्रिन्सिपल कंसलटेंट हैं । डॉ. आशीष जौहरी के द्वारा ‘अनिश्चितता से निपटना एवं संकट के समय लचीलापन’ विषय पर उद्बोधन दिया गया। डॉ. जौहरी का सत्र बहुत ही रुचिकर एवं अंतर्क्रियात्मक रहा। उन्होंने कथानकों के माध्यम से अपनी बात को रखा एवं प्रतिभागियों से अनिश्चितता एवं संकटकालीन परिस्थितियों से जुड़े अनुभवों एवं उससे जुड़ी अनुक्रियाओं को साझा करवाया। अनिश्चितता से निपटने से पहले उसे भली प्रकार परिभाषित करने का महत्त्व भी बताया। डॉ. जौहरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि अनिश्चितता अपने आप में समस्या नहीं, बल्कि उसके प्रति हमारी प्रतिक्रिया ये तय करती है कि वह समस्या है अथवा नहीं । वेबिनार के दूसरे दिन हार्टफुल कैंपस के विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर श्याम जी मेहरोत्रा के द्वारा तनाव प्रबंधन के ऊपर बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। इस कार्यक्रम का संचालन मनोविज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉ. मेघा सिंह जी के द्वारा बड़े ही सफलता पूर्वक किया गया। कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों ने अत्यंत रुचि के साथ संवाद स्थापित किया। इसी कड़ी में आगे प्रोफेसर मेहरोत्रा द्वारा तनाव के विभिन्न प्रकार के बारे में प्रतिभागियों को बताया गया एवं उनसे उनके निजी जीवन में होने वाले तनाव एवं उसके प्रबंधन से संबंधित अनुभव भी साझा किए गए। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा एवं आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए एवं अपने आप को मानसिक तौर पर मजबूत बनाए रखने के लिए मेडिटेशन से जुड़ी हुई अत्यंत रुचिकर क्रिया का सामूहिक रूप से अभ्यास किया गया। डॉ. आशीष जौहरी ने नकारात्मक विचारों को हटाने के लिए ऑनलाइन ही एक मैडिटेशन सत्र भी करवाया एवं जिसमें सभी ने प्रतिभाग किया । कार्यक्रम कार्यक्रम के तीसरे दिन का भी सफल संचालन मनोविज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉ मेघा सिंह जी के द्वारा किया गया । कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने त्रिदिवसीय कार्यक्रम का अपना अनुभव एवं फीडबैक साझा किया। लोक प्रशासन विभाग की प्राध्यापिका डॉ. वैशाली सक्सेना के द्वारा सभी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ । हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/संजय-hindusthansamachar.in

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