अंतिम पायदान पर खेडे़ व्यक्ति का उत्थान ही दीनदयाल उपाध्याय का सपना: सहगल
अंतिम पायदान पर खेडे़ व्यक्ति का उत्थान ही दीनदयाल उपाध्याय का सपना: सहगल

अंतिम पायदान पर खेडे़ व्यक्ति का उत्थान ही दीनदयाल उपाध्याय का सपना: सहगल

झांसी, 25 सितम्बर(हि.स.)। राष्ट्र का विकास तभी संभव है जब यहां के प्रत्येक नागरिक का उचित विकास हो। अंतिम व्यक्ति के विकास के बिना देश के संपूर्ण विकास के बारे में सोचा नहीं जा सकता है। यह विचार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रो.वीके सहगल ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ द्वारा उनके जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। प्रो. सहगल ने कहा कि आज देश कोविड़ महामारी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में बहुत से लोगों के सामने दिन प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के भी संसाधन नहीं है। ऐसे में हम सभी को अपने आस पास के जरूरतमंदो की यथासंभव मदद करनी चाहिए, तभी पंडित दीनदयाल उपाध्यााय का सपना सच हो सकता है तथा यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। शोध पीठ के निदेशक डॉ मुन्ना तिवारी ने कहा कि शोध पीठ पंडित जी के सपनों को आम जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए शोध पीठ शोध के साथ ही साथ जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन निरंतर करता रहता है। उपस्थित लोगों ने इस अवसर पर बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। इस अवसर पर डा. यतींद्र मिश्रा, डा. श्वेता पांडेय, डा. उमेश कुमार आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश-hindusthansamachar.in

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