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उप्र में कोरोना टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने पर खास रणनीति पर हो रहा काम: डॉ. अजय घई

-भारत में भी बच्चों के संक्रमित होने की पुष्टि, वयस्कों के बराबर ही संक्रमण लखनऊ, 17 फरवरी (हि.स.)। भारत में बनी कोरोना की वैक्सीन इतनी सुरक्षित और कारगर है कि इसकी मांग लगातार पूरी दुनिया में हो रही है। वहीं प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने के लिए एक खास रणनीति पर भी कार्य हो रहा है। यह कहना है राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय घई का। डॉ. घई बुधवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी ऐंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित राज्यस्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। फ्रंट लाइन कर्मियों को दी जाएगी पात्र लाभार्थियों की सूची उन्होंने बताया कि हमारी वैक्सीन से अभी तक किसी भी तरह के बड़े दुष्प्रभाव की बात सामने नहीं आई है। कल गुरुवार को फ्रंट लाइन कर्मियों को टीका लगेगा। वहीं 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग को भी यह टीका अगले माह से लगना शुरू हो जायेगा। डॉ. घई ने बताया कि नई रणनीति के तहत अब फ्रंट लाइन कर्मियों को पात्र लाभार्थियों की सूची दी जाएगी ताकि वह पात्र लाभार्थी से सम्पर्क कर सकें। इसके साथ ही टीका लगवाने के लिए पात्र लोगों कोविड कमांड सेंटर्स से भी एसएमएस भेजा जाएगा। जिले के किसी भी सत्र में जाकर मोबाइल नम्बर के जरिए टीकाकरण की सुविधा उन्होंने बताया कि फिर भी यदि किसी को एसएमएस नहीं मिला है। तो वह अपने जिले के किसी भी सत्र में जाकर अपना मोबाइल नम्बर देकर टीका लगवा सकता है। इस बीच यदि किसी कर्मचारी की तैनाती अन्य जिले में हो जाती है तो उनके लिए इंटर डिस्ट्रिक्ट पोर्टेबिलिटी सिस्टम के जरिये उनको टीका से प्रतिरक्षित किया जाएगा। टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने की दिशा में हो रहा प्रयास डॉ. घई ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना टीकाकरण करीब 90 प्रतिशत हुआ है वहीं कहीं पर यह आंकड़ा 16 प्रतिशत ही है। नेटवर्क समस्या, पात्र लोगों के नाम एक मोबाइल नम्बर पर ही फीड होने और सर्वर में खराबी आने आदि से टीकाकरण का ग्राफ बहुत उत्साहजनक नहीं है। इसके लिए कई दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि टीकाकरण के लिए कई ऐसे लोग भी पंजीकृत हैं जो कि पात्र नहीं हैं। जैसे कि गर्भवती, धात्री महिलाएं आदि। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले सत्र में इसके सकारात्मक परिणाम दिखेंगे। कई देशों में अब भी संक्रमण उच्चस्तर पर डॉ. घई ने बताया कि फिलहाल कोरोना का संक्रमण सरकार और जनसहयोग से कम तो हुआ है। लेकिन, कई देशों में अब भी यह संक्रमण उच्चस्तर पर है। ऐसे में इस वैश्विक महामारी से बचने के लिए हम सभी को और सावधान होने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से कई ऐसे लोग टीका लगवाने की सिफारिश कर रहे हैं, जिनकी अभी बारी ही नहीं आई है। लेकिन, वह जल्द से कोविड टीका से प्रतिरक्षित होना चाहते हैं। उन्होंने अपील की है कि बिना किसी लापरवाही के नियत दिवस पर टीका लगवाएं। टीका लगने के बाद यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव दिखता है तो कोविड-19 कंट्रोल रूम के हेल्प-लाइन नंबर 05498-220827 या प्रदेश हेल्प लाइन नंबर 104 पर सम्पर्क करें। भारत में बच्चों के कोरोना संक्रमण की स्थिति पर और होना है काम-डॉ. पियाली डॉ. पियाली भट्टाचार्य, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, एसजीपीजीआई ने बताया कि अन्य देशों में हर तीन संक्रमित बच्चों में से एक बच्चे को आईसीयू की जरूरत पड़ रही है। वहीं भारत में भी बच्चों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिनमें कि वयस्कों के बराबर ही संक्रमण है। अपने यहां कितने बच्चे संक्रमित हैं इस पर अभी और काम होना है। इसलिए खतरा अभी टला नहीं है। उन्होंने बताया कि अब स्कूल भी खुल गए हैं। इनमें ऐसे बच्चे भी होंगे जिनको कोरोना का लक्षण नहीं है। लेकिन, वह कोरोना मरीज के सम्पर्क में रहे हैं या फिर वह तथा उनके परिजन अधिकांश समय पर यात्रा पर रहे हैं। ऐसे बच्चों को स्कूल नहीं जाना चाहिए। यदि जाते भी हैं तो आरटीपीसीआर जांच करवा कर ही जाएं। समुदाय में हर्ड इम्युनिटी के लिए 60 से 70 प्रतिशत टीकाकरण अनिवार्य-डॉ. सूर्यकान्त इस मौके पर केजीएमयू के रेस्पेरेट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने कोविड टीकाकरण के बाद शरीर में होने वाले प्रभाव के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने बताया कि इस टीकाकरण के बाद सामान्य तौर पर थकान, बुखार आना कोई साइड इफेक्ट नहीं बल्कि यह उसके प्रभाव को दिखाता है। वैक्सीन लगवाने से पहले लगाने वाले को अपने स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी दें। हम तभी सुरक्षित हो पाएंगे जब समुदाय में हर्ड इम्युनिटी डेवलप हो जाए। इसके लिए 60 से 70 प्रतिशत लोग टीका लगवाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अब इस कोरोना टीकाकरण अभियान को हम सभी को जश्न के रूप में मनाना चाहिए। लेकिन, इस जश्न में कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन अवश्य करें। होली नजदीक है। इस दौरान खास ध्यान रखें और छोटे समूहों में ही त्योहार मनाएं। इस मौके पर यूएनडीपी डॉ. अहमद अब्बास आगा और यूनिसेफ के डॉ. प्रफुल भारद्वाज ने टीकाकरण पर सवालों के जवाब दिये। कोरोना से इस तरह जीत रहा उप्र -प्रदेश में अब तक कुल 2,97,93,515 सैम्पल की जांच की गई है। -2,853 कोरोना के एक्टिव मामलों में से 689 लोग होम आइसोलेशन में हैं। -उत्तर प्रदेश में कोविड-19 का रिकवरी 98 प्रतिशत से अधिक है। -अब तक 5,90,787 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। -सर्विलांस टीम ने 1,85,284 क्षेत्रों में 5,11,402 टीम दिवस के माध्यम से 3,14,63,035 घरों के 15,27,90,861 जनसंख्या का सर्वेक्षण कर लिया है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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