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हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से गुजर रही महिलाओं की होगी निगरानी

- स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान मनाया गया - पूरे जिले में 671 महिलाओं की जांच हुई, 24 महिलाएं एचआरपी मिली हमीरपुर, 09 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शुक्रवार को जनपद भर के स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव पूर्व जांचें की गई। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) से गुजर रही महिलाओं को खास देखभाल की हिदायत दी गई। इन महिलाओं की प्रसव होने तक स्वास्थ्य विभाग निगरानी करेगा। प्रत्येक माह की नौ तारीख को होने वाले इस कार्यक्रम में जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और प्रसव इकाइयों पर पहुंचने वाली गर्भवती की प्रसव पूर्व चार जांचें (ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और अल्ट्रासाउंड) की जाती हैं और उन्हें प्रसव पूर्व होने वाली इन चारों जांचों के विषय में विस्तार से जानकारी दी जाती है। साथ ही परिवार नियोजन से जुड़े कार्यक्रमों के विषय में जानकारी देकर जागरूक किया जाता है। शुक्रवार को जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और प्रसव इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया गया। जिला महिला अस्पताल में सीएमएस डॉ.फौजिया अंजुम नोमानी ने कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं को परिवार नियोजन कार्यक्रमों की जानकारी देने के साथ ही उन्हें जच्चा-बच्चा सुरक्षा कार्ड का वितरण किया। उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व जांचें करा लेने से प्रसव के समय किसी किस्म का कोई रिस्क नहीं होता है। इसलिए गर्भवती चार जांचें प्रसव पूर्व अवश्य से कराएं। खानपान का ध्यान रखें। आयरन की गोलियों का सेवन करें। इस मौके पर डॉ.पूनम सचान, डॉ.आशा सचान, जिला स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी अनिल यादव, परिवार कल्याण कार्यक्रम की सलाहकार निकिता, लैब टेक्नीशियन करुणेंद्र, गणेश, मैनेजर विवेक आदि मौजूद रहे। मातृत्व स्वास्थ्य के परामर्शदाता दीपक यादव ने बताया कि आज जिले में इस अभियान के तहत कुल 671 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई। जिसमें पूरे जिले में 24 महिलाएं एचआरपी मिली हैं। जिला महिला अस्पताल में 52 महिलाओं में 8 महिलाएं एचआरपी मिली हैं। इन सभी महिलाओं की आशा बहुओं और एएनएम के माध्यम से प्रसव होने तक स्वास्थ्य विभाग निगरानी करेगा। यह है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी अगर किसी गर्भवती महिला को खून की कमी है, गर्भधारण के बाद हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉयड और अधिक उम्र में गर्भधारण या वह शुगर से पीड़ित है। इसके अलावा पूर्व में ऑपरेशन से डिलिवरी समेत 14 से ज्यादा ऐसे मामले हैं, जिनकी वजह हाई रिस्क प्रेग्नेंसी होती है। ऐसी महिलाओं को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) की श्रेणी में रखा जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज

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