हमें अपने पूर्वजों की क्षमताओं और संस्कारों को करना है रीप्रोड्यूस - कुलपति
प्रयागराज, 03 जून (हि.स.)। जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, मध्य प्रदेश की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने “राष्ट्र निर्माण के लिए युवा“ विषयक ऑनलाइन वेबिनार में कहा कि विश्वविद्यालयों को केवल डिग्री प्रदान करने वाले संस्थान नहीं होना चाहिए। हमारी समृद्धि और सम्मान के वाहक युवा ही हैं। हमें अपने पूर्वजों की क्षमताओं और संस्कारों को रीप्रोड्यूस करना है। राष्ट्रीय सेवा योजना, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा वृहस्पतिवार को आयोजित वेबिनार में उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान जीवन शैली अपनाते हुए भी हमें लॉजिकल, रेशनल, नीड बेस आइटम जीवन में धारित करना चाहिए। वर्तमान समय विभीषिका का है, इस समय लोगों के मन से भय निकालने में नवयुवक सबसे बड़े साधक व सहायक हो सकते हैं। हमें देश के लिए आज रूरल बेस इंप्लीमेंटेशन की सर्वाधिक आवश्यकता है और यह बड़ी संस्थाओं द्वारा गांव के गोद लिए बगैर सम्भव नहीं होगा। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के निदेशक और कानपुर आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. देबी प्रसाद मिश्र ने कहा सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। राष्ट्र की आत्मा है, परम्परा की विरासत को संभालते हुए आगे बढ़ना। हमारे युवा आज भारत की विरासत को छोड़कर विदेशी रंग, रूप में रंग रहे हैं, इससे भी सावधान होने की आवश्यकता है। जनसंख्या हमारी ताकत है और उनके सहयोग से ही यह देश आगे बढ़ेगा। हमारी नीति ऐसी होनी चाहिए कि सबका प्रत्यक्ष सहयोग राष्ट्र निर्माण में हो। उप्र शासन के राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ.अशोक कुमार श्रोत्रिय ने कहा कि हमें काम के नवोन्मेषी तरीकों पर विचार करने की जरूरत है। महापुरुषों के अनुकरण से यह मार्ग खुल सकता है। यह देश और इसकी थाती और विरासत को हम अगली पीढ़ी को किस रूप में देंगें, इसकी हमें सदैव चिंता करनी चाहिए। वेबिनार के आयोजक राष्ट्रीय सेवा योजना, इविवि के समन्वयक डॉ. राजेश कुमार गर्ग ने युवकों का आह्वान किया कि उन्हें केवल अपने लिए नहीं बल्कि अपने जीवन से थोड़ा समय समाज के लिए अवश्य निकालना चाहिए। आज तकनीकी कुशलता का युग है। अतः उसके साथ देश को आगे बढ़ाने की चिंता हम सबको करनी होगी। धन्यवाद ज्ञापन ईसीसी के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रेम प्रकाश सिंह एवं संचालन आर्य कन्या महाविद्यालय की कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रंजना त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों सहित देश के अनेक राज्यों से प्रतिभागी उपस्थित थे। राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक ने बताया कि 25 राज्यों से 1719 लोगों ने वेबिनार में प्रतिभाग के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त