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औषधीय गुणों से भरपूर फल है बेल, बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता: डॉ. रामप्रकाश

-गर्मी के दिनों में लू से बचाता है पके फल के गूदे से बना शर्बत कानपुर, 11 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में मानसून भले ही जल्द आहट देने वाला हो, लेकिन उमस भरी गर्मी से फिलहाल निजात नहीं मिलने वाली। ऐसे में गर्मी के दिनों में लू व उमस भरी गर्मी से बचने के लिए बेल के पके फल के गूदे से बना शर्बत का अवश्य सेवन करें। बेल एक ऐसा फल है जो औषधीय गुणों से भरपूर है और इसका बीज, तना, पत्ती और जड़ सभी बेहतर स्वास्थ्य में काम आते हैं। यह कहना है सीएसए के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रामप्रकाश का। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रामप्रकाश ने 'बेल एक लाभ अनेक' विषय पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बेल कई रोगों की रोकथाम करता है जैसे कफ, बात विकार, बदहजमी, दस्त, मूत्र रोग, पेचिश, डायबिटीज, ल्यूकोरिया इसके अतिरिक्त पेट दर्द, हृदय विकार, पीलिया, बुखार, आंखों के रोग आदि में बेल के सेवन से लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि बेल एक प्रचुर मात्रा में औषधीय गुणों से भरपूर फल है। आयुर्वेद में औषधीय दृष्टि से बेल के प्रत्येक भाग, बीज, तना, पत्ती और जड़ों का महत्व है। कच्चे फलों को सुखाकर बनाया गया चूर्ण अजीर्ण और आमाविसार को रोकता है। इसके सेवन से पेट साफ रहता है। तने की छाल का रस ज्वरनाशक होता है। पका फल खाने में स्वादिष्ट होता है। फल के गूदे से शर्बत तैयार किया जाता है जो गर्मियों में लाभदायक होता है। कच्चे फल का मुरब्बा बनाया जाता है जो बहुत स्वादिष्ट होता है। बेल में प्रोटीन, बीटा कैरोटीन, थायमीन, रिबोफ्लैविन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता उन्होंने बताया कि बेल के फल का जीवनकाल काफी लम्बा होता है। पेड़ से टूटने के कई दिन बाद भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। बेल का रस कोलेस्ट्राल के स्तर को नियन्त्रित रखने में मददगार होता है। बेल के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से एसीडिटी मे राहत मिलती है। बेल के रस में कुछ मात्रा गुनगुने पानी की मिला लें और इसमें थोड़ी सी शहद डालें, इस पेय के नियमित सेवन से खून साफ हो जाता है। बेल का रस तैयार करके उसमें कुछ बूंदें घी की मिला दीजिए, इस पेय को हर रोज निश्चित मात्रा में लें। इसके नियमित सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। यह ब्लड शुगर को नियन्त्रित करने में सहायक होता है। उन्होंने बताया की कोरोना की वैज्ञानिकों द्वारा तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है ऐसे में बेल का प्रयोग कर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित

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