- भगवान राम को भक्तों ने जाना करीब से, मेहंदी बाग में लगा संतों का समागम झांसी, 09 जनवरी (हि.स.)। मेहंदी बाग में श्रीमद जगद्गुरु द्वार आचार्य श्री मलूक पीठाधीश्वर स्वामी श्री राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज के मुखारविंद से विनय पत्रिका पर दिव्य सत्संग शनिवार को हजारों भक्तों की उपस्थिति में शुरू हुआ। सत्संग व्यास ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि वह विनय पत्रिका का अध्ययन अवश्य करें, मनुष्य की हर समस्या का समाधान विनय पत्रिका में है। मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज द्वारा विनय पत्रिका ग्रंथ के माध्यम से राम नाम की महिमा का बखान हो रहा है। प्रवचन के प्रथम दिन कलयुग के दोषों से बचने का उपाय बताते हुए कहा कि राम नाम एक ऐसा उपाय है, जिसके जपने से कलिमल के दोष उसे नहीं सता सकते। देवाचार्य ने कहा कि राम नाम सदा सर्वथा दोष रहित है। राम नाम में किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं है। आज सभी वस्तुओं में मिलावट हो चुकी है, लेकिन नाम में कोई मिलावट हो ही नहीं सकती। उन्होंने कहा कि दोषों को दूर करने के लिए धर्म के अन्य सभी साधनों को करने में बहुत कठनाई है, लेकिन नाम ऐसा एकमात्र साधन है, जिसको लेने में किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होती। मलूक पीठाधीश्वर महाराज ने कहा कि काल का प्रभाव सभी पर पड़ता है। समय से कोई नहीं बच सकता। उसी तरह कर्मों का प्रभाव सभी पर पड़ता है। तुलसीदास कहते है कि गुण, कर्म, स्वभाव और काल कोई नहीं बच सकता है। इन सब पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है। इनके प्रभाव सभी पर है। गुणों का प्रभाव भी जीवों होता है। उन्होंने कहा कि गुणों का तात्पर्य त्रिगुणात्मक सृष्टि है। इससे देवता भी नहीं बच सकते। इससे तभी बच सकते हैं। जब भजन का प्रभाव हो व्यक्ति त्रिगुणातीत हो जाता है। स्वभाव का प्रभाव भी सभी पर है। स्वभाव पर विजय प्राप्त करने के हमें वह व्यवहार दूसरे से नहीं करना चाहिए जो आपके साथ किया जा रहा है। महाराज ने कहा कि तुलसीदास कहते हैं कि इनसे बचने काल, कर्म, गुण और स्वभाव को जीतने का साधन राम नाम है। तुलसीदास कहते हैं कि सिर्फ राम नाम पर विश्वास करने वाले के इन सभी से पिण्ड छूट जाते हैं। कथा में बुंदेलखंड के लगभग सभी साधु संत शामिल हुए। संतो के समागम और राम नाम कीर्तन ने कार्यक्रम की शोभा और अधिक बढ़ा दी है। कथा उपरांत संतों का करुणामई मिलन अपने आप में देखने को बन रहा था। भगवान राम जानकी मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया। भगवान के दरबार का विशेष श्रृंगार एवं पूजन अर्चन किया गया। इस दौरान आयोजन कमेटी के संरक्षक महंत राम प्रिय दास जी, युवराज महंत मेहंदी बाग सरकार श्री प्रेमभूषण दास जी, महाराज, अंचल अडजरिया, ब्रज भूमि दास, पंडित हरिओम पाठक हेतराम दास जी अमित गोस्वामी, राजू रामायणी, पुरुकेश अमरया, संजय मार्बल, भूपेंद्र रायकवार, पुनीत, राघव उपस्थित रहे। संचालन एवं आभार चरण सेवक पंडित पीयूष रावत ने व्यक्त किया। विकारों की निवृत्ति राम नाम कलयुग में अनेक प्रकार के दोष दिखाई देते हैं, इन सब से यदि दूर रहना है तो हमें राम नाम का आश्रय लेना चाहिए। नाम की महिमा अनंत है, कलिमल के दोषों की निर्वित्ति एकमात्र राम के नाम में है। लोभ, मोह, द्वेष, राग, इर्शा, मतशर्य यह 6 प्रकार के विकार हैं। इनके समन का कोई और साधन नहीं है, केवल और केवल भगवान का नाम ही विकारों को दूर कर सकते हैं। इसलिए गोस्वामी तुलसीदास ने 6 बार राम नाम विनय पत्रिका के पद संख्या 130 में लिया है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in