विकास दुबे के महिमामंडन पर बोले बुद्धिजीवी, एनकाउंटर अंतिम विकल्प
विकास दुबे के महिमामंडन पर बोले बुद्धिजीवी, एनकाउंटर अंतिम विकल्प

विकास दुबे के महिमामंडन पर बोले बुद्धिजीवी, एनकाउंटर अंतिम विकल्प

- ब्राह्मण समाज की विकास ने की सबसे ज्यादा हत्यायें अजय सिंह कानपुर, 07 जुलाई (हि.स.)। सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को शहीद करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को कुछ लोग सोशल मीडिया में महिमांडन कर रहे हैं। हालांकि ऐसे लोगों पर पुलिस कार्रवाई भी कर रही है तो वहीं दूसरी ओर इस पर शहर के बुद्धिजीवियों ने खासा रोष भी व्यक्त किया है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती और वह अपने हित के लिए किसी की भी जान ले सकता है। ऐसे में विकास का महिमामंडन करना पूरी तरह से गलत है और हर हाल में उसका एनकाउंटर होना चाहिये, ताकि समाज में शांति आ सके। बुद्धिजीवियों ने यह भी कहा कि किस कार्य से उसे ब्राह्मण शिरोमणि कहा जा रहा है उसने तो सबसे ज्यादा हत्यायें ब्राह्मण समाज की ही की है। इसके साथ ही जो लोग उसके साथ खड़े हैं उन पर पुलिस सख्त कार्रवाई करे और उनका सामाजिक बहिष्कार भी होना चाहिये। वरिष्ठ अधिवक्ता व राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा के अध्यक्ष पंकज दीक्षित दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के द्वारा किए गए अपराधों की बानगी बताते हुए कहते हैं कि सन् 2000 में ताराचंद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सिद्धेश्वर पांडे की कालेज परिसर में गोलियों से भूनकर हत्या कर की दी थी। शिवली के तत्कालीन चेयरमैन लल्लन बाजपेयी के घर में बमों से हमला किया था, जिसमें तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी और तीनों मरने वाले ब्राह्मण समाज के थे। सन् 2001 में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व चौबेपुर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की शिवली थाना परिसर के अंदर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। केबल ऑपरेटर दिनेश दुबे की भी हत्या विकास दुबे ने की। अभी जिस मामले में पुलिस उसे गिरफ्तार करने गयी थी और उसने सीओ देवेन्द्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों को शहीद कर दिया उस मामले का पीड़ित भी राहुल तिवारी था। राहुल ने 307 का मुकदमा विकास दुबे के खिलाफ थाने में दर्ज करवाया था। ऐसे दुर्दांत अपराधी को ब्राह्मण शिरोमणि कहना पूरी तरह से गलत है और पूरे ब्राह्मण समाज का अपमान है। उन्होंने कहा कि तरस आता है उन लोगों की बुद्धि पर जो ऐसे दुर्दांत अपराधी के समर्थन में सोशल मीडिया में पोस्ट डालते हैं। अपराधी की कोई जाति नहीं होती, अपराधी केवल अपराधी होता है, अपराधी विकास दुबे ने जितने भी लोगों को प्रताड़ित किया या हत्या की उनमें से अधिकतर ब्राह्मण समाज के ही लोग हैं फिर भी कुछ लोग जाति के नाम पर प्रशासनिक कार्यवाही पर उंगली उठा रहे हैं यह भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है हमारा आदर्श कोई अपराधी नहीं हो सकता। यह हमें सोचना चाहिए। समाज सेवी अजय अग्निहोत्री ने कहा कि जो लोग विकास के पक्ष में सोशल मीडिया में पोस्ट डालते हैं और जाति का गौरव बताते हैं वह ब्राह्मण समाज के ही नहीं लोकतांत्रिक देश भारत के लिए भी खतरा हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित करके सख्त कार्रवाई होना चाहिये। उन्होंने कहा कि विकास दुबे समाज के लिए खतरा है और खुंखार अपराधी है, इसका एक ही विकल्प है कि पुलिस उसका इनकाउंटर करे, ताकि समाज में शांति स्थापित हो सके। आचार्य दीपक मिश्र ने कहा कि जो लोग विकास का समर्थन कर रहे हैं उनका सामाजिक बहिष्कार करना चाहिये। उन्होंने कहा कि पुलिस हमले में जिन आठ पुलिस कर्मियों को उसने मारा उसमें एक ब्राह्मण समाज के सीओ भी थे और उनके साथ उसने सबसे ज्यादा क्रूरता दिखाई, क्योंकि वह अपना काम इमानदारी से कर रहे थे। ऐसे में उसे ब्राह्मण शिरोमणि कहना पूरी तरह से नाइंसाफी है और विकास दुबे के साथ उन सभी लोगों का समूल नाश होना चाहिये जो समाज के दुष्मन हो और राष्ट्र विरोधी हों। हिन्दुस्थान समाचार /-hindusthansamachar.in

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