कोविड-19 के दौर में दूरस्थ शिक्षा की भूमिका अग्रणी : कुलपति
प्रयागराज, 08 जुलाई (हि.स.)। कोविड-19 के इस दौर में आज शिक्षार्थियों के पठन-पाठन एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए दूरस्थ शिक्षा अग्रणी भूमिका में रहेगी। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षार्थी घर बैठे ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध ई कंटेंट पाठ्य सामग्री तथा विषय विशेषज्ञों द्वारा द्वारा तैयार यूट्यूब पर अपलोड व्याख्यानों से निर्विघ्न रुप से अपना कोर्स पूर्ण कर सकते हैं। यह बातें मुक्त विवि के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने बुधवार को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि, प्रयागराज के क्षेत्रीय केंद्र अयोध्या के अंतर्गत आने वाले अध्ययन केंद्र समन्वयकों की ऑनलाइन कार्यशाला में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने सभी केंद्र समन्वयक एवं प्राचार्य का आह्वान किया कि प्रत्येक अध्ययन केंद्र पर एक फलदार वृक्ष का रोपण अवश्य कराएं जिससे पर्यावरण को संरक्षित एवं सुरक्षित किया जा सके। इस तरह प्रदेश भर में 1200 अध्ययन केंद्रों पर वन महोत्सव के अंतर्गत पौधों का रोपण सुनिश्चित किया जा सकेगा। कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए पौधरोपण की शुरुआत विश्वविद्यालय मुख्यालय से हो चुकी है। प्रो. सिंह ने कहा कि अयोध्या क्षेत्रीय केंद्र से जुड़े सभी अध्ययन केंद्रों के प्राचार्य एवं समन्वयक दूरस्थ शिक्षार्थियों के निमित्त ऑनलाइन कक्षाओं, कार्यशालाओं, व्याख्यानों इत्यादि का आयोजन कर उनके ज्ञानवर्धन में महती भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। उन्होंने शिक्षार्थियों को आश्वासन दिया कि इस कोरोना काल में उन्हें ऑनलाइन प्रवेश में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने केंद्र समन्वयकों को निर्देशित किया कि मुक्त विवि से शिक्षा ग्रहण करने की चाह रखने वाला कोई भी शिक्षार्थी प्रवेश से वंचित न रहे। कुलपति ने केंद्र समन्वयकों के सुझाव को अमल में लाते हुए आश्वासन दिया कि सभी केंद्रों को अत्याधुनिक ऑनलाइन सुविधाओं से सुसज्जित करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे शिक्षार्थियों को केंद्र तक न आना पड़े और उन्हें सभी सुविधाएं ऑनलाइन सुलभ हो सके। कार्यशाला में निर्णय लिया गया कि शिक्षार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए वर्तमान सत्र में प्रत्येक क्षेत्रीय केंद्र में प्रतिमाह तीसरे शनिवार को समाधान दिवस का आयोजन किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/संजय-hindusthansamachar.in