Various programs organized in the projects of Deendayal Research Institute Chitrakoot on the 158th birth anniversary of Vivekananda
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विवेकानन्द जी की 158वीं जयंती पर दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के प्रकल्पों में  हुआ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

चित्रकूट, 12 जनवरी (हि .स.)। युवा शक्ति के प्रतीक स्वामी विवेकानंद जी की 158 वीं जयंती मंगलवार को दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के सभी प्रकल्पों में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विभिन्न प्रकल्पों में उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण, विचार गोष्ठी एवं परिचर्चा सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गये । मंगलवार को उद्यमिता विद्यापीठ के सभागार में खादी ग्रामोद्योग आयोग प्रशिक्षण केंद्र एवं दीनदयाल औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से व्याख्यानमाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं संघ के महाकौशल प्रांत के प्राध्यापक प्रमुख डॉ भरत मिश्रा एवं दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव डॉ अशोक पांडे, केव्हीआइसी के प्राचार्य मनोज सैनी एवं दीनदयाल आईटीआई के प्रभारी व उप प्राचार्य संजय दुबे प्रमुख रूप से मंचासीन रहे।अपने आतिथ्य उद्बोधन में डॉ भरत मिश्रा ने कहा कि भारतीय संस्कृति को विश्व संस्कृति के रूप में पुनः प्रतिष्ठा दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद भारत को भारतीय संस्कृति के तत्व दर्शन के आधार पर समर्थ और संस्कृति निष्ठ राष्ट्र के रूप में स्थापित देखना चाहते थे। उनका कहना था कि पहले स्वयं बलिष्ठ बनो, शक्तिशाली बनो उसके बाद जो जीवंत देवता के रूप में जो दरिद्र नारायण है उनकी सेवा मे लगो। इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव डॉ अशोक पांडेय ने कहा कि 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में दिया उनका भाषण आज भी किसी भारतीय के द्वारा दिए गए सबसे प्रभावी भाषणों में माना जाता है। अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद ने सांप्रदायिकता, धार्मिक कट्टरता और हिंसा का जिस तरह से उल्लेख किया था वह आज सवा सौ साल के बाद भी उतने ही भयावह रूप में उपस्थित हैं। उन्होंने कहा था कि अगर यह बुराइयां न होतीं तो दुनिया आज से कहीं बेहतर जगह होती।जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट द्वारा ग्राम नारायणपुर में तालाब किनारे स्वच्छता कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें जन शिक्षण संस्थान के निदेशक रमाशंकर त्रिपाठी, समाज शिल्पी दम्पति अनिल शुक्ला, फील्ड अधिकारी शशीकांत पांडेय उपस्थित रहे। इस अवसर पर युवाओं को नशा मुक्ति, स्वच्छता, नारी सम्मान, जल बचाओ एवं सुरक्षा नियमों का पालन करने की शपथ दिलाने के साथ ही स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों एवं आदर्शों को अपनाने की बात कही। इसके अलावा जयंती अवसर पर राम नाथ आश्रमशाला चित्रकूट एवं कृष्णा देवी बनवासी बालिका आवासीय विद्यालय मझगवां में सूर्य नमस्कार एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। तो वहीं एक अन्य कार्यक्रम में सुरेन्द्रपाॅल ग्रामोदय विद्यालय में विवेकानंद जी के जीवन से जुड़े प्रसंगों की जानकारी दी गई। युवा दिवस के अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के विभिन्न स्वावलंबन ग्रामीण केंद्रों पर भी सूर्य नमस्कार, स्वच्छता, प्रेरक प्रसंग, खेलकूद, विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से विवेकानंद जी की जयंती को समाज शिल्पी दंपति एवं सहयोगी कार्यकर्ताओं के सहयोग से मनाया गया। हिन्दुस्थान समाचार /रतन/मोहित-hindusthansamachar.in

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