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वाराणसी : सेंट्रल बार में याद किये गए समाजवादी चिंतक अधिवक्ता सागर सिंह

वाराणसी, 24 फरवरी (हि.स.)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजवादी चिंतक और जाने-माने अधिवक्ता बाबू सागर सिंह की 13वीं पुण्यतिथि बुधवार को सेन्ट्रल बार के सभागार में मनाई गई। संगोष्ठी में बार के पदाधिकारियों ने स्व सागर सिंह के कृतित्व को याद कर उनसे जुड़े संस्मरण भी सुनाए। वक्ताओं ने बताया कि बाबू सागर सिंह अधिवक्ताओं के हित के लिए भी सचेत रहते थे। ट्रेड यूनियन के गतिविधियों में भी बढ़-चढ़ कर भागीदारी करते थे। डीएलडब्ल्यू मेंस यूनियन के वर्षों अध्यक्ष रहे। जार्ज फर्नान्डीज, कन्हैयालाल गुप्ता, उमराव पुरोहित, प्रियदास गुप्ता जैसे दिग्गजों के साथ आंदोलनों का नेतृत्व करते थे। उन्होंने बताया कि दुलहीपुर अब चंदौली जिले में आठ गांवों के किसानों की जमीन लेकर खाद का कारखाना खोला जाना था। किसानों को उचित मुआवजा और नौकरी भी नहीं दी जा रही थी। ऐसे हालात में सागर सिंह ने किसानों के साथ आंदोलन किया था। इसमें उन्हें जेल भी जाना पड़ा। वक्ताओं ने बताया कि 1975 में वे सरकार के खिलाफ मुखर रहे तो उन्हें मीसा के तहत बंदी भी बनाया गया। इस दौरान उनकी लिखी कविताएं, लेख पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते थे। वर्ष 1967 में वे सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष भी चुने गये। 1974 में उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के उपाध्यक्ष भी चुने गये। 1975 में यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष भी हुए। उस दौर में अधिवक्ताओं के आंदोलन के अगुवा रहे। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि स्पेशल जज एससी/एसटी संजीव कुमार सिन्हा, विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता इन्द्र देव मिश्रा ने भी विचार रखा। अध्यक्षता सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष अशोक उपाध्याय और संचालन महामंत्री कन्हैया पटेल ने किया। संगोष्ठी में बनारस बार के पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम सिंह, पूर्व महामंत्री अरूण पांडेय, श्रीनिवास मिश्रा, नित्यानन्द राय, उमेश मिश्रा, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, मिथिलेश श्रीवास्तव, देव सिंह, विनय सिंह पिंटु, सुनील मिश्रा आदि अधिवक्ता मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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