वाराणसी : सारनाथ में बौद्ध पर्यटकों के लिए चौखंडी से रेलवे स्टेशन तक बनेगा पाथवे
वाराणसी : सारनाथ में बौद्ध पर्यटकों के लिए चौखंडी से रेलवे स्टेशन तक बनेगा पाथवे

वाराणसी : सारनाथ में बौद्ध पर्यटकों के लिए चौखंडी से रेलवे स्टेशन तक बनेगा पाथवे

वाराणसी : सारनाथ में बौद्ध पर्यटकों के लिए चौखंडी से रेलवे स्टेशन तक बनेगा पाथवे —लगभग 100 करोड़ की लागत से सारनाथ का विकास,विश्व बैंक की परियोजना से होने वाले कार्यो को प्रदेश के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने दी हरी झंडी —इसके लिए डीपीआर बनाने का निर्देश, मंत्री बोले, कालभैरव मंदिर क्षेत्र के पर्यटन विकास की योजना नहीं वाराणसी, 27 जून (हि.स.)। भगवान बुद्ध की ऐतिहासिक प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में आने वाले बौद्ध पर्यटकों के लिए चौखंडी से रेलवे स्टेशन तक पाथवे का निर्माण होगा। लगभग 100 करोड़ की लागत से सारनाथ का विकास होगा। विश्व बैंक की परियोजना के अंतर्गत होने वाले विकास कार्यो को प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने हरी झंडी दे दी है। शनिवार को सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि सारनाथ का पर्यटन विकास होने के पश्चात यहां पर शांति के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की भव्यता भी आने वाले पर्यटकों को देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि सारनाथ का पर्यटन विकास के दौरान चौखंडी से रेलवे स्टेशन तक पाथवे का निर्माण, तीन प्रवेश द्वारों में एक आशापुर में पहले से बना हुआ है, इसके अलावा रिंग रोड एवं रेलवे स्टेशन प्रवेश मार्ग पर बुद्धा पर आधारित थीमेटिक प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। उन्होंने प्रवेश द्वार का डिजाइन करने के दौरान उस पर बुद्धा के साथ-साथ काशी की भी छटा बिखेरे जाने का निर्देश दिया। योजना में सारनाथ स्थित 26 मंदिरों के मार्गो को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहुंच मार्ग बनाए जाने पर भी उन्होंने जोर दिया। मंत्री ने बताया कि म्यूजियम से सारनाथ तक के मार्ग का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा। सारनाथ की डियर पार्क सौंदर्यीकरण एवं विस्तार किए जाने के साथ ही बच्चों को झूलने के लिए झूला आदि भी लगाया जाएगा। सारनाथ स्थित सम्राट अशोक के समय का बने नाले को एसटीपी का उपयोग करते हुए ढका जाएगा। बौद्ध एवं जैन धर्म पर आधारित आध्यात्मिक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा। यहां स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी बनेगा। जिससे यहां के कलाकार व आर्टिजन अपनी कलाकृति का मूल्य आकलन कर सकेंगे तथा इस ट्रेनिंग सेंटर के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीकी का प्रयोग कर विदेशों में इसे निर्यात भी कर सकेंगे। इसके लिए डीपीआर बनाने का निर्देश भी मंत्री ने दिया। उन्होंने बताया कि पर्यटकों की सुरक्षा के दृष्टिगत रखते हुए सारनाथ में सीसीटीवी कैमरा, वाईफाई की व्यवस्था के साथ-साथ एलईडी स्क्रीन भी लगाया जायेगा। इसके अलावा सारनाथ स्थित राही पर्यटन आवास गृह का उच्चीकरण व पर्यटन थाने को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया जाएगा। -अन्य मंदिरों का भी होगा सौंदर्यीकरण पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया कि शूलटंकेश्वर महादेव, ज्वर हरेश्वर महादेव, संकुलधारा मठ एवं ओंकारेश्वर महादेव मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं पर्यटन विकास कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने कैथी स्थित मारकंडेय महादेव में संचालित संगम घाट एवं वर्तमान घाट के निर्माण कार्य को मानक के अनुरूप गुणवत्ता के साथ समयावधि में पूर्ण कराए जाने हेतु कार्यदायी संस्था के अभियंता को निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि काल भैरव मंदिर क्षेत्र के पर्यटन विकास की कोई योजना नहीं है। बैठक में कमिश्नर दीपक अग्रवाल, संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद्र मिश्र, पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश-hindusthansamachar.in

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