वैष्णवी ने लगातार एक घण्टे राम भजनों पर कथक कर श्रीराम मंदिर निर्माण पर जतायी खुशी

वैष्णवी ने लगातार एक घण्टे राम भजनों पर कथक कर श्रीराम मंदिर निर्माण पर जतायी खुशी
वैष्णवी ने लगातार एक घण्टे राम भजनों पर कथक कर श्रीराम मंदिर निर्माण पर जतायी खुशी

-सीटीसीएस फैमिली एवं अंजली फिल्म प्रोडक्शन के सहयोग से फेसबुक पेज पर दी अपनी प्रस्तुति लखनऊ, 31 जुलाई (हि.स.)। श्रीराम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन पर हर लोग अपने-अपने ढंग से खुशियां मना रहे हैं। इसी खुशी के सिलसिले में राजधानी लखनऊ की उभरती बाल नृत्यांगना वैष्णवी शुक्ला ने शुक्रवार को दोपहर तीन बजे से नॉनस्टॉप एक घंटे तक कथक, बॉलीवुड एवं क्लासिकल मिक्स विधा में श्री राम के भजनों में नृत्य करके भूमि पूजन का स्वागत एवं पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार व्यक्त किया। अपने इंट्रोडक्शन के साथ वैष्णवी शुक्ला ने अलीगंज स्थित अपने निवास स्थान से सीटीसीएस फैमिली के फेसबुक पेज पर लाइव आकर धन्यवाद प्रस्तुति शुरू की। जनकपुरी में धनुष को तोड़ा, सीता जी से नाता जोड़ा से प्रारंभ करके, रघुपति राघव राजा राम, हरि भज ले तू भज ले रे प्राणी, श्री राम चालीसा सहित कई भजनों पर अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी। वैष्णवी ने पीएम मोदी एवं सीएम योगी को अपना धन्यवाद देते हुए कहा की भूमिपूजन की शुभ घड़ी में उनके योगदान के कारण ही वर्षों के विवाद से मुक्ति मिली एवं भव्य मंदिर निर्माण होने की शुरुआत होने वाली है। वैष्णवी ने कुल एक घण्टे चार मिनट एवं इक्कीस सेकण्ड की प्रस्तुति दी, जिसमे दो मिनट प्रारंभ में सीएम एवं पीएम को संबोधित धन्यवाद एवं अंत मे छत्तीस सेकण्ड का आभार वक्तव्य किया है। इस लाइव कार्यक्रम का आयोजन सीटीसीएस फैमिली एवं अंजली फ़िल्म प्रोडक्शन्स के निर्देशन में चल रहे बालमंच के द्वारा किया गया है। बालमंच बच्चों की प्रतिभा निखारने एवं बच्चों के सांस्कृतिक विकास में मदद करता है। भूमिपूजन के शुभ अवसर पर इस लाइव सांस्कृतिक कार्यक्रम का कांसेप्ट बृजेन्द्र बहादुर मौर्य के द्वारा एवं इसको कार्यान्वित करने में आलोक अग्रवाल मुख्य रूप से रहे हैं। कोरोना काल मे देश कोरोना से लड़ते हुए भारतवर्ष की संस्कृति अयोध्या में भूमिपूजन से फिर से भव्य होने जा रहा है ऐसे में देश के पीएम एवं प्रदेश के सीएम का धन्यवाद राम के ही भजनों पर निश्चय ही एक नई ऊर्जा का संचार करेगा। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/दीपक-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in