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तहबाजारी की नीलामी में हंगामा, नीलामी प्रक्रिया पर रोक

-पांच टेंडर रद्द किये जाने से ठेकेदार ने लगाये धांधली के आरोप हमीरपुर, 09 मार्च (हि.स.)। जिला पंचायत की तहबाजारी नीलामी को लेकर ठेकेदारों ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी पर पक्षपात व नियम विरुद्ध कार्य करने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। जिला पंचायत की तहबाजारी के ठेके में हमेशा की तरह लेनदेन और अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने की नीयत से पांच टेंडर एक साथ निरस्त किए गए थे। हंगामे के कारण प्रक्रिया को भी रोक दिया गया है। महाकाल कंसट्रक्शन उरई की प्रोपराइटर श्यामा देवी और बांदा के ठेकेदार सिंह का कहना है कि सात ठेकेदारों ने तहबाजारी नीलामी का आवेदन किया था, लेकिन नीलामी के दौरान उन दोनों को मिलाकर पांच ठेकेदारों को नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया गया। बताया कि उनका आवेदन शपथ पत्र टी 6 के आधार पर जान-बूझकर निरस्त कर दिया। जबकि उन्होंने शपथपत्र आवेदन के साथ संलग्न व अपलोड किया था। उन्होंने कहा कि ठेके के लिए उन्होंने सभी शर्तों का पालन किया था। आवेदन के साथ शपथ पत्र टी 6 संलग्न है। अगर नहीं भी होता तो उन्हें शपथ पत्र दाखिल करने के लिए समय दिया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। समय न देकर जानबूझकर अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए पांच टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं, जो कि धांधली का सबूत हैं। उन्होंने जांच कराकर ठेके की निविदा नीलामी निरस्त करने किए जाने या नए सिरे से कराए जाने की मांग की है। इस संबंध में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी अमित राज सिंह ने मंगलवार को बताया कि रोके गए निविदादाताओं के प्रपत्र नियम व शर्तों के मुताबिक संलग्न नहीं थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में तहबाजारी की नीलामी 2.65 करोड़ में हुई थी। वर्ष 2021-22 में तहबाजारी नीलामी 15 प्रतिशत बढ़ा कर 3.04 करोड़ की हुई है। प्रतिवर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 35 लाख रुपए अधिक का राजस्व मिला है। उन्होंने बताया कि नीलामी में आरोप-प्रत्यारोप होने के चलते नीलामी प्रक्रिया को रोककर जिलाधिकारी से मार्गदर्शन मांगा गया है। जिलाधिकारी के निर्देश मिलने पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/दीपक

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