up-chief-minister-told-the-budget-public-welfare-development-oriented-all-inclusive
up-chief-minister-told-the-budget-public-welfare-development-oriented-all-inclusive

उप्र : मुख्यमंत्री ने बजट को बताया लोक कल्याणकारी, विकास उन्मुख, सर्वसमावेशी

- कहा, उत्कृष्ट लोकतांत्रिक भावना से परिपूर्ण प्रदेश के तीव्र विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा बजट लखनऊ, 22 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार के 2021-22 के बजट को लोक कल्याणकारी, विकास उन्मुख, सर्वसमावेशी बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट सबका साथ, सबका विकास तथा सबके विश्वास के उत्कृष्ट लोकतांत्रिक भावना से परिपूर्ण प्रदेश के तीव्र विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री सोमवार को वित्तीय वर्ष 2021-2022 का बजट पेश होने के बाद तिलक हाल में प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने पहली बार में पेपरलैस बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री और उनकी टीम को धन्यवाद दिया और प्रसन्नता जतायी कि आज से कैबिनेट बैठक भी ई-कैबिनेट हो गई है। आज सुबह बजट पूर्व जो कैबिनेट की बैठक हुई, वह भी ई-कैबिनेट थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के मध्य देश के सबसे बड़े राज्य के लिए यह बजट एक नई आशा, एक नई ऊर्जा और उत्तर प्रदेश की नई संभावनाओं को उड़ान देने का एक माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि खासतौर पर हर घर को नल, हर घर को बिजली, हर गांव में सड़क और हर गांव को डिजिटल बनाने के संकल्प के साथ ही हर खेत को पानी और हर हाथ को काम देने का संकल्प इस बजट में निहित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं और समाज के प्रत्येक तबके का प्रतिनिधित्व करने वाला है। यह आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की भावना के अनुरूप यह बजट है। उन्होंने कहा कि इस बजट में रोजगार की व्यवस्था, सभी वर्गों के उत्थान का इरादा, वंचित शोषित और युवाओं के सुंदर भविष्य की रूपरेखा और उत्तर प्रदेश के नव निर्माण की संरचना भी निहित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट का आकार इस बार 5 लाख 50 हजार 270.78 करोड़ रुपये है। यह बजट वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट से 37,410.65 करोड़ रुपये यानी 7.3 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान भी वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हुए प्रदेश सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ-साथ लोक कल्याण की भावना के अनुरुप प्रत्येक तबके के हितों को इसके अंदर समाहित करते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष कोरोना के दौरान जिस प्रकार की स्थितियां थी उन स्थितियों में प्रदेश और देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में ना केवल आम जनजीवन प्रभावित हुआ बल्कि अर्थव्यवस्था को सबसे अधिक मार झेलनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि उस दौरान भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदशन में प्रदेश सरकार ने संकल्प शक्ति के साथ कार्य को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण राजस्व की प्राप्ति के जो लक्ष्य थे, उसके अनुरुप इसे हासिल करने में कठिनाइयां हुई हैं। इसके बावजूद राजकोषीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून की जो सीमा भारत सरकार और रिजर्व बैंक ने 4.5 प्रतिशत रखी है, उसको प्रदेश सरकार ने 4.17 प्रतिशत तक ही सीमित रखा तथा उसके अंदर ही इस बजट को प्रदेश के लिए सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया है। समग्र-समावेशी विकास, विभिन्न वर्गों के स्वावलंबन, सशक्तीकरण है बजट का केन्द्र बिन्दु मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य रूप से बजट की अपनी एक थीम होती है। सरकार ने जब 2017-18 में बजट प्रस्तुत किया था तब वह प्रदेश के अन्नदाता किसानों को समर्पित था। वहीं 2018-2019 का बजट प्रदेश के औद्योगिक विकास को समर्पित था। इसके बाद 2019-20 का बजट मातृशक्ति, प्रदेश के युवाओं और प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को समर्पित था। वहीं इस बार का बजट प्रदेश के समग्र व समावेशी विकास और प्रदेश के विभिन्न वर्गों के स्वावलंबन के माध्यम से सशक्तीकरण को आधार बनाकर प्रस्तुत किया है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in