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उप्र: अब तक 6.59 लाख स्वास्थ्यकर्मियों-फ्रंटलाइन वर्कर्स ने नहीं लगवाई दूसरी डोज

-जनता के अधिक सम्पर्क में रहने वालों का फोकस वैक्सीनेशन भी जल्द होगा प्रारम्भ लखनऊ, 31 मार्च (हि.स.)। प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बीच स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स की भारी लापरवाही सामने आई है। जिन पर लोगों के टीकाकरण और उन्हें जागरूक करने का जिम्मा है, वह स्वयं के वैक्सीनेशन को लेकर गम्भीर नहीं हैं। अब तक 6.59 लाख स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स ने कोरोना टीका की अपनी दूसरी डोज नहीं ली है। ऐसे में स्वास्थ्य महकमे की ओर से इन लोगों से अपनी डोज पूरा करने की अपील की जा रही है, जिससे यह संक्रमण से सुरक्षित हो सकें। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को बताया कि अब तक प्रदेश में 46,75,434 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। वहीं 9,90,519 व्यक्तियों को दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है। इस प्रकार प्रदेश में कुल 56,65,953 लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की बात करें तो 8,90,246 पहली डोज प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन, इनमें से केवल 5,85,298 लोगों ने ही दूसरी ढूंढ ली है। अर्थात अभी 3,04,948 स्वास्थ्य कर्मी ऐसे हैं, जिनकी अभी दूसरी डोज नहीं लग सकी है। इसी प्रकार 7,59,727 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने अपनी पहली डोज लगवा ली है। वहीं इनमें से केवल 4,05,221 ने ही दूसरी डोज लगवाई है। इस तरह 3,54,506 फ्रंटलाइन वर्कर्स ऐसे हैं, जिन्होंने दूसरी डोज नहीं लगवाई है।इस तरह 6,59,454 स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर्स अभी तक कोरोना टीका की अपनी दूसरी डोज नहीं ले सके हैं। उन्होंने कहा कि केवल एक डोज लगवाने से पूरी सुरक्षा नहीं मिलती है। दोनों डोज लगवाना अनिवार्य है। तभी शरीर में एंटीबॉडीज डेवेलप हो पाती है। इसलिए छूटे हुए स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स से अपील है कि वह तत्काल अपनी दूसरी डोज भी लगवा लें। वरना ये टीकाकरण अधूरा रह जाएगा। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने कहा कि वहीं कल 01 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकरण का अभियान प्रारंभ हो रहा है। इसलिए इसके दायरे में आने वाले लोग भी अपना टीकाकरण जरूर करवाएं। उन्होंने बताया कि संक्रमण संक्रमण को रोकने के लिए समय-समय पर फोकस टेस्टिंग की जाती है, जिसमें स्कूल-कॉलेज, सरकारी कार्यालयों, दुकानदारों, रेहड़ी पटरी वालों, चालकों की बार-बार टेस्टिंग की जाती है। ये लोग जनता के बहुत ज्यादा सम्पर्क में आते हैं, इनकी फोकस टेस्टिंग का मकसद संक्रमण का स्तर पता लगाकर इसकी श्रंखला को तोड़ना है। उन्होंने कहा कि इसी तर्ज पर एक सप्ताह बाद फोकस वैक्सीनेशन भी प्रारम्भ किया जाएगा। इसमें 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले दुकानदारों, बैंकर्स, शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों, रेहड़ी पटरी दुकानदारों, रिक्शा-बस व ऑटो चालकों, मीडियाकर्मियों, अधिवक्ताओं का फोकस टीकाकरण किया जाएगा। इन लोगों का जनता से सम्पर्क बहुत ज्यादा होता है। हालांकि ये लोग 01 अप्रैल से सामान्य तरह से भी अपना टीकाकरण करा सकते हैं। लेकिन, फोकस वैक्सीनेशन के जरिए इन्हे विशेष रूप से मौका दिया जाएगा। इसके लिए अलग से कुछ दिन निर्धारित करेंगे। इसमें इनकी एसोसिएशन, यूनियन आदि से टीकाकरण कराने की अपील की जाएगी। फोकस वैक्सीनेशन में इस वर्ग के लोग अपने नजदीकी टीकाकरण केन्द्रों पर जाकर वैक्सीन की डोज लगवा सकते हैं। ताकि कोरोना संक्रमण की जो दूसरी लहर दिखाई पड़ रही है उसे नियंत्रित किया जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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