बस मालिकों के प्रार्थना पत्र देने पर ही अब रद्द होगा परिवहन निगम से अनुबंध
बस मालिकों के प्रार्थना पत्र देने पर ही अब रद्द होगा परिवहन निगम से अनुबंध

बस मालिकों के प्रार्थना पत्र देने पर ही अब रद्द होगा परिवहन निगम से अनुबंध

लखनऊ, 07 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) से जुड़ी निजी बसों का अनुबंध अब बस मालिकों के प्रार्थना पत्र देने के बाद ही रद्द होगा। परिवहन निगम से अनुबंध रद्द होने के बाद ही बस मालिक अपने परमितट का संरेडर आरटीओ में कर सकते हैं। इसके पहले परिवहन निगम मुख्यालय से क्षेत्रीय प्रबन्धकों को सीधे परमिट सरेंडर का निर्देश दिया गया था। उप्र अनुबंधित बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एसीपी सिंह ने मंगलवार को बताया कि अनलॉक 1 और 2 में यात्रियों के अभाव में अनुबंधित बसें खड़ी हैं। इससे रोडवेज से जुड़ी निजी बसों के मालिकों को नुकसान हो रहा है। इससे बचने के लिए कई निजी बस मालिक अनुबंधित बसों का परमिट आरटीओ में सरेंडर करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ में करीब 700 और पूरे प्रदेश में करीब 3,500 अनुबंधित बसें हैं। इन अनुबंधित बसों के मालिकों को अब अपने परमिट को रद्द कराने के लिए पहले प्रार्थना पत्र देना होगा। इसके बाद ही वह अपनी बसों को आरटीओ के सामने सरेंडर कर सकेंगे। परिवहन निगम मुख्यालय ने पहले प्रदेश के सभी क्षेत्रीय प्रबन्धकों को निजी बसों का परमिट सीधे आरटीओ में सरेंडर करने का निर्देश दिया था। लेकिन, निजी बस ऑपरेटरों के विरोध के बाद इसके वापस ले लिया गया है। एसीपी सिंह ने बताया कि पूर्व में कई ऐसे मामले सामने आये थे, जिसमें क्षेत्रीय प्रबन्धकों ने बस मालिकों की सहमति के बिना ही परमिट आरटीओ में सरेंडर कर दिया था। अब परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक बस मालिकों की सहमति के बिना परमिट सरेंडर नहीं कर सकेंगे। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान रोडवेज से अनुबंधित बसें पूरी तरह से बन्द रही हैंं। अनलॉक 1 व 2 में भी यात्रियों के अभाव में अनुबंधित बसें खड़ी हैं। इसलिए निजी बस मालिकों को टैक्स भरने में दिक्कते हो रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/संजय-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in