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गवाहों की हर हाल में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाये : अपर मुख्य सचिव गृह

-साक्षी सुरक्षा योजना 2018 के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश -साक्षियों की उचित सुरक्षा सम्बंधित पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी लखनऊ, 25 जून (हि.स.)। शासन द्वारा निर्देश दिये गये है कि विभिन्न न्यायालयों मे चल रहे मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को अधिकतम दण्ड दिलाने के लिए गवाहों की हर हाल में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। साक्षी न्याय प्रणाली की आंख और कान है। जघन्य अपराधों के मामले में साक्षियों को जान माल के खतरे पर हर सम्भव कानूनी संरक्षण नियमानुसार राज्य द्वारा प्रदान किया जायेगा। ये बातें अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कही। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा प्रदेश के अभियोजन विभाग सहित समस्त जिला अधिकारी, पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा की गई है कि साक्षी सुरक्षा योजना 2018 के प्रावधानों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाय। शासन द्वारा कहा गया है कि साक्षियों को उचित सुरक्षा प्राप्त न होने पर सम्बंधित पुलिस अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। जिलाधिकारियों एवं पुलिस मुख्यालय के जोनल स्तर के अधिकारियों से इस योजना की गहन समीक्षा प्रत्येक माह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये है। श्री अवस्थी ने बताया कि प्रत्येक जिले में साक्षी सुरक्षा समिति गठित है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश इसके अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी सदस्य सचिव तथा जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक सदस्य नामित हैं। उक्त सुरक्षा समिति द्वारा विटनेस प्रोटेक्शन आवेदन प्राप्त होने पर विटनेस प्रोटेक्शन आर्डर पारित किया जायेगा। इसमे ’’विटनेस प्रोटेक्शन मेजर्स’’ लेने के सम्बंध मे विस्तृत विवरण होगा और विटनेस प्रोटेक्शन आर्डर को विटनेस प्रोटेक्शन सेल के माध्यम से लागू कराया जायेगा। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा है कि अन्वेषण आधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे इस योजना के बारे में तथा इसकी मुख्य विशेषताएं साक्षियों को बताएं। इस योजना की जानकारी पुलिस मुख्यालय प्रत्येक थाने तक पहुॅचाने के लिये योजनाबद्ध तरीके से प्रयास करें तथा यह भी सुनिश्चित किया जाय कि इस योजना का उचित लाभ साक्षियों को प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि साक्षी द्वारा दूसरी जगह बसाने का अनुरोध किया जाता है तो खतरा विश्लेषण रिपोर्ट के आधार पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा साक्षी को दूसरी जगह पर बसाने का निर्णय लिया जा सकता है। सक्षम प्राधिकरण साक्षी की सुरक्षा, कल्याण और कुशलता को ध्यान में रखते हुए साक्षी को भारत संघ के किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में सुरक्षित स्थान पर बसाने का आदेश दे सकता है। इन खर्चो का वहन साक्षी संरक्षण निधि से किया जाएगा। यदि साक्षी या पुलिस प्राधिकरण सक्षम प्राधिकरण द्वारा लिए गए निर्णय से असंतुष्ट है तो, सक्षम प्राधिकरण द्वारा आदेश पारित किए जाने के 15 दिन के भीतर समीक्षा आवेदन किया जा सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/विद्या कान्त

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