तीन साल बाद सपा व्यापार सभा को आई जीएसटी के विरोध की याद

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- कहा, व्यापारियों,अधिकारियों और सीए की समझ से बाहर है जीएसटी - जीएसटी का विरोध कर राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा झांसी, 25 फरवरी (हि.स.)। समाजवादी पार्टी व्यापार सभा को जीएसटी लागू होने के तीन वर्ष बाद एकाएक गुरुवार को उसका विरोध करने की याद आ गई। सपा व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष पं सतेन्द्रपुरी गोस्वामी के नेतृत्व में जटिल व विसंगतिपूर्ण जीएसटी का विरोध करते हुए राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि नोटबंदी, जीएसटी और लाॅकडाउन से व्यापारियों का नुकसान हुआ है। ये जल्दबाजी के निर्णय रहे हैं जिनसे हर छोटे से छोटे व्यापारी को खासी परेशान होना पड़ा है। राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजते हुए बताया कि 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होते ही उत्तर प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों पर बहुत बुरा असर पड़ा। जटिल व विसंगतिपूर्ण जीएसटी बिना राय सलाह के लागू कर दी गई जिसका उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के व्यापारियों ने विरोध किया। नोटबन्दी के बाद इंस्पेक्टर राज व जटिलता को बढ़ाने वाली जीएसटी की वजह से लाखों व्यापारी व्यापार बंद करने को मजबूर हुए। जीएसटी इतनी जटिल व विसंगतिपूर्ण है कि लागू होने के बाद से अब तक लगभग 900 से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं जो इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार ने बगैर तैयारी, बगैर सलाह किये और बगैर व्यापारियों को विश्वास में लिए ही नोटबन्दी की ही तरह जीएसटी भी लागू कर दी थी। जीएसटी इतनी जटिल और अव्यवहारिक है की स्वयं विभाग के अधिकारी व सीए, अधिवक्ता भी इसको समझ नहीं पाते हैं तो आम व्यापारी इसको क्या समझेगा। किसी भी संशोधन से पहले व्यापारियों से कोई बातचीत नहीं की गई और न ही जीएसटी को लेकर व्यापारियों की परेशानियों को जानने का कोई प्रयास ही किया गया। प्रतिदिन एक नया प्राविधान लागू कर दिया जाता है जिसका क्रियान्वन करना व्यापारियों के लिए बेहद मुश्किल भरा है। वन नेशन वन टैक्स का वायदा करके भाजपा सरकार ने अपने खजाने को भरने के लिए पेट्रोल, डीजल एवं बिजली को जीएसटी से बाहर रखा। जल्दबाजी में बगैर तैयारी और बगैर सलाह के नोटबन्दी, फिर जीएसटी और फिर लाॅकडाउन लागू करके देश विशेषकर उत्तर प्रदेश के करोड़ों व्यापारियों को बर्बाद कर दिया है। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि वर्तमान स्वरूप में जीएसटी रद्द करके व्यापारी प्रतिनिधियों से सलाह करने के बाद ही उचित बदलाव करके नया कानून बनाएं ताकि व्यापार लायक माहौल बन सके। यह देश और व्यापारियों के हित में होगा। समाजवादी व्यापार सभा की इस मांग पर उचित कार्यवाही करने को कहा। इस अवसर पर आरिफ खान, ठाकुर हर्ष सोलंकी, मजहर अली, ठाकुर अमित सिंह, जाकिर हुसैन, अरविंद लखेरा, आरिफ मंसूरी, जुगल पाल, किशन साहू, उमेश रायकवार, रोहित कुशवाहा, राहुल शर्मा, लल्ला प्रसाद अग्रवाल, रजत अग्रवाल, जितेन्द्र वर्मा, सर्वेश वर्मा, संजीव दुबे, अनिल यादव, मानवेन्द्र चौधरी सहित अनेक सपाई मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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