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तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से मौसम हुआ सुहाना, किसानों की बढ़ी परेशानी

— तापमान के बढ़ रहे ग्राफ में आई गिरावट, लोगों को मिली राहत कानपुर, 12 मार्च (हि.स.)। दक्षिणी पूर्वी हवाओं से बीते दिनों लगातार तापमान बढ़ रहा था और वातावरण में पर्याप्त नमी होने से लोगों को उमस परेशान कर रही थी। इसी बीच हवाओं की दिशाएं बदली और शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश होने लगी। बारिश के साथ तेज हवाओं से मौसम सुहाना हो गया और लोगों को राहत मिल सकी। हालांकि मौसम के बदले इस मिजाज से किसानों की परेशानी बढ़ गयी है। मौसम विभाग के मुताबिक दो दिन बाद मौसम फिर पहले की भांति हो जाएगा। चन्द्रखेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन पाण्डेय ने शुक्रवार को बताया कि पश्चिमी हिमालयी भागों में हल्की बारिश हो रही है। इससे जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक का मौसम बदल गया और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा के साथ हिमपात भी हुआ है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी और पूर्वी राजस्थान, उत्तर मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, गंगीय पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। केरल और दक्षिण कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। इन भागों में एक-दो स्थानों पर तेज़ बौछारें भी गिर सकती हैं। तमिलनाडु में हल्की बारिश के आसार हैं। उत्तरी मैदानी इलाकों में 12 मार्च को बारिश की तीव्रता बढ़ेगी और संभावना है कि इस दौरान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के भी कुछ हिस्सों में वर्षा दर्ज की जाएगी। बताया कि देश भर में बने मौसमी सिस्टम के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू कश्मीर के पास दिखाई दे रहा है। इस सिस्टम के अलावा एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान पर पहुंच गया है जिसका प्रभाव उत्तर भारत के पहाड़ों पर 13 मार्च से शुरु होने की संभावना है। एक चक्रवाती सिस्टम उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और एक सिस्टम मराठवाड़ा पर दिखाई दे रहा है। इसके साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश होते हुए मराठवाड़ा के बीच विंड डिसकंटिन्यूटी बनी है। एक ट्रफ भी दक्षिण-पूर्वी अरब सागर से दक्षिणी तटीय कर्नाटक तक बनी है। मौसम के इस बदलाव से कानपुर परिक्षेत्र में तेज हवाएं चलने लगी और हल्की बारिश भी हुई, जिससे तापमान में घटोत्तरी होना स्वाभाविक है। तापमान में आयी कमी मौसम विभाग ने बताया कि हल्की बारिश और तेज हवाओं के चलने से अधिकतम तापमान लगभग सामान्य हो गया और 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक होकर 17.8 दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 87 फीसद और दोपहर की आर्द्रता 54 फीसद दर्ज की गयी। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिमी चल रही हैं। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 12 व 13 मार्च को मध्य उत्तर प्रदेश के ब्लाक एवं जिला स्तर पर आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाये रहने के कारण को तेज हवाओं के साथ स्थानीय स्तर पर हल्की वर्षा एवं ओलावृष्टि होने के आसार हैं। किसानों की बढ़ी परेशानी मौसम का मिजाज बदलने से किसानों की धड़कनें बढ़ गई हैं और चिंतित हो उठे, क्योंकि जिस तरह से हवाएं और बादलों की गड़गड़हाट हुई उससे तेज बारिश की आशंका बनी है। ऐसे में खेतों पर खड़ी पकी फसल के बरबाद होने की संभावना बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि उसकी फसल पककर खड़ी हुई है। यदि अब पानी गिरता है तो मेहनत पर ही पानी फिर जाएगा। गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई है। यदि ऐसे में बारिश हो जाती है तो फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी। किसान राधेश्याम का कहना है कि खेतों में इन दिनों जोरशोर से चना, मसूर व गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। ऐसे में यदि बारिश होती है तो तैयार हो चुकी फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी। गेहूं व चना की फसल भी दागी हो जाएगी। किसान प्रभाकर सिंह का कहना है कि मौसम इससे पहले भी दगा दे चुका है। जनवरी के अंतिम दिनों में ठंडी हवाओं के कारण तुषार रोग लग गया था, इससे उन्हें बहुत नुकसान हो गया था। अब यदि पानी गिरता है तो यह किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर देगा। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित

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