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जमीन पर उतरने लगा विंध्य कॉरिडोर, धार्मिक स्वरूप का लेगा आकार

-कुछ ही महीने में दिखने लगेगी विंध्य कॉरिडोर की भव्यता - अब तक 88 भूमि की हो चुकी है रजिस्ट्री मीरजापुर, 27 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर अब जमीन पर उतरने लगा है। कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। कॉरिडोर के अंतर्गत अष्टभुजा व कालीखोह समेत गंगा घाटों का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि अगर कार्य की गति ऐसी ही रही तो कुछ ही महीनों में इसकी भव्यता दिखने लगेगी। साथ ही विंध्य कॉरिडोर अपने समय से बनकर तैयार भी हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद यहां का निर्माण कार्य अब अपनी गति पर है। इसके लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार और मजदूर दिन-रात कार्य को पूर्ण करने में जुटे हैं। विंध्य कॉरिडोर का निर्माण कार्य नवंबर 2020 से शुरू हुआ था। पहले चरण में कॉरिडोर की जद में आने वाले मकान व भूमि की रजिस्ट्री करानी थी, जो लगभग पूर्ण हो चुकी है। प्रशासन की ओर से दावा भी किया जा रहा है कि अक्टूबर तक विंध्य कारिडोर का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। वहीं विंध्यवासियों का कहना है कि कॉरिडोर विंध्य क्षेत्र के ऐतिहासिक सपने को साकार कर रही है। विंध्य कॉरिडोर के निर्माण पर 331 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। नगर मजिस्ट्रेट विनय सिंह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग की ओर से विंध्य कॉरिडोर का कार्य कराया जा रहा है। कार्य में इस समय पांच ठेकेदार व साठ मजदूर लगे हुए हैं। कोरोना के दृष्टिगत सभी को शासनादेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है। 60 मजदूर व पांच ठेकेदार दे रहे गति कॉरिडोर का निर्माण करने वाली पीएसपी प्रोजेक्ट लिमिटेड की ओर से इस समय कुल 60 मजदूर, 5 इंजीनियर लगाए गए हैं। लोक निर्माण विभाग के चार अधिकारी मानकों को पालन व कार्य की गुणवत्ता पर नजर बनाए रख रहे है। नोडल अधिकारी नियुक्त होने के बाद आई तेजी पर्यटन विभाग के सचिव शिवपाल सिंह विंध्य कॉरिडोर के नोडल अधिकारी बनने के बाद विंध्यवासियों को जल्द ही कॉरिडोर निर्माण शुरू होने की आस थी, हुआ भी ऐसा। इस समय कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से हो। रहा है, क्योकि सरकार की भी निगाहें विंध्य कॉरिडोर पर टिकी है। धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप का होगा दर्शन धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप का दर्शन कराने वाले विंध्य क्षेत्र को अनूठा बनाया जा रहा है। इसमें 40 फीसदी निर्माण और 60 फीसदी खुला व हरियाली क्षेत्र रखा जा रहा है। सांस्कृतिक और सामूहिक गतिविधियों की भी सुविधा होगी, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होगा। धरोहरो को संजोने के लिए अष्टभुजा, कालीखोह व गंगा घाटों का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। विंध्य कॉरिडोर तैयार होने के बाद देश के सबसे भव्य स्थलों में गिना जाएगा। भदोही से पकड़ाया जमीन खोने के भय से फरार गृहस्वामी विंध्य कॉरिडोर के अंतर्गत कुल 92 भूमि का रजिस्ट्री होना था। इसमें से मात्र 88 भूमि का रजिस्ट्री हो पाया है। चार भूमि का रजिस्ट्री होना बाकी है। वह इसलिए क्योंकि यह चारों भूमि एक ही पुरोहित का था और रजिस्ट्री न कराने के उद्देश्य से वह फरार चल रहा था लेकिन पुलिस ने मंगलवार को उसे भदोही से पकड़ लाया है। कालीखोह व अष्टभुजा का भी होगा चौड़ीकरण जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने दो दिन पूर्व कालीखोह व अष्टभुजा का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कालीखोह और अष्टभुजा में भी सुंदरीकरण के लिए नापी का निर्देश दिया था। डीएम के निर्देश के बाद कालीखोह व अष्टभुजा में 45-45 फ़ीट का नापी किया गया। यहां पर विन्ध्य कॉरिडोर के अंतर्गत ही कार्य किया जाएगा। कहा कि शासन की मंशा है कि विंध्याचल ही नहीं कालीखोह और अष्टभुजा का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। पर्यटकों की सुविधा के दृष्टिगत विंध्य कॉरिडोर के अंतर्गत इन दोनों तीर्थ स्थलों का भी चौड़ीकरण किया जाएगा। कॉरिडोर के तहत तालाबों का भी होगा जीर्णोद्धार विंध्य कॉरिडोर के अंतर्गत विंध्यवासिनी मंदिर ही नहीं विंध्य पर्वत पर स्थित अष्टभुजा, कालीखोह मंदिर के अलावा गेरुआ तालाब, मोतिया तालाब, कजरहवा तालाब समेत चार तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर-hindusthansamachar.in

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