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ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद विवाद की अगली सुनवाई 17 फरवरी को

प्रयागराज, 10 फरवरी (हि.स.)। काशी विश्वेस्वरनाथ मंदिर-मस्जिद सिविल वाद की पोषणीयता को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई जारी है। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं। मंदिर की तरफ से दलील दी गयी कि ज्ञानवापी स्थित विश्वेस्वर नाथ मंदिर तोड़ कर मस्जिद का रूप दिया गया है। अभी भी तहखाने सहित चारों तरफ की जमीन पर वैधानिक कब्जा हिन्दुओं का है। मस्जिद के पीछे श्रृंगार गौरी की पूजा एवं कथा भी आयोजित होती है। नंदी भी मस्जिद की तरफ मुख करके विराजमान हैं। तहखाने के गेट पर हिन्दुओं व प्रशासन का ताला लगा है। दोनों तरफ से दरवाजा खोला जाता है। मस्जिद के पीछे मंदिर का ढांचा साफ दिखाई देता है। विवादित ढांचे में तहखाने की छत पर मुस्लिम नमाज पढ़ते हैं। इस्लाम में विवादित स्थल पर पढ़ी गयी नमाज कबूल नहीं होती। इसलिए अवैध कब्जे के खिलाफ वाद पोषणीय है। याचिका खारिज की जाय। याचियों का कहना है कि कानून के तहत 1947 की मस्जिद-मंदिर की स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता। यथास्थिति बनाए रखने का कानून मुकदमें पर रोक लगाता है। स्थिति बदलने की मांग में वाराणसी में दाखिल मुकदमा पोषणीय नहीं है। अपर सत्र न्यायाधीश वाराणसी द्वारा मुकदमें की सुनवाई का आदेश देना गलत है। जबकि मंदिर की तरफ से कहा गया कि विवाद आजादी के पहले से चल रहा है। इसलिए बाद में पारित कानून से विधिक अधिकार नहीं छीने जा सकते। मंदिर को तोड़ कर मस्जिद का रूप दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/आरएन-hindusthansamachar.in

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