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बीजापुर नक्सली हमले में शहीद धर्मदेव गुप्ता का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, हजारों लोगों ने दी श्रद्धांजलि

- परिजन मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद के पिता से बातचीत कर संवेदना जताई चंदौली, 06 अप्रैल (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद चंदौली के लाल धर्मदेव कुमार (34) का पार्थिव शरीर मंगलवार को पैतृक गांव शहाबगंज ठेकहां में पूरे सम्मान के साथ सीआरपीएफ के दस्ते ने पहुंचाया। शव गांव में पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पत्नी, बेटी, मां और पिता के कातर विलाप से माहौल गमगीन हो गया। शहीद जवान के पार्थिव शरीर को अन्तिम विदाई देने के लिए ठेकहां के साथ आसपास के गांवों से भी हजारों लोग उमड़ पड़े। शहीद के पार्थिव शरीर पर लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान वहां किसी भी जनप्रतिनिधि के न पहुंचने से लोगों में नाराजगी दिखी। नाराज परिजन भी पार्थिव शरीर का अन्तिम संस्कार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने पर ही करने की बात करने लगे। इसके पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार की देर शाम शहीद धर्मदेव के पिता रामेश्वर गुप्ता से बात कर संवेदना जताने के बाद ढ़ांढस भी बढ़ाया था। शहीद के मंझले भाई और सीआरपीएफ में तैनात धनंजय गुप्ता भी घर पहुंच गये। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार की देर शाम बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अन्तर राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचा। यहां पार्थिव शरीर को सैन्य परम्परा के अनुसार सलामी देने के बाद सीआरपीएफ कैंप दुलहीपुर चंदौली लाया गया। मंगलवार पूर्वाह्न में सैकड़ों वाहनों के काफिले में शहीद की पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया गया। पार्थिव शरीर जैसे ही लेवा तियरा के आगे बढ़ा सड़क किनारे खड़े हजारों ग्रामीणों ने नम आंखों से विदाई दी। जिले का कोई भी जनप्रतिनिधि शहीद के गांव नहीं पहुंचा शहीद धर्मदेव के परिजन इस बात से आहत है कि रक्षामंत्री का गृह जनपद होने के बावजूद सत्ता पक्ष का कोई भी जनप्रतिनिधि या मंत्री गांव नहीं आया। शहीद के पिता का कहना है कि चंदौली से दो कैबिनेट मंत्री हैं। एक केंद्र सरकार में मंत्री हैं तो एक राज्य सरकार में। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का गृह जनपद है। लेकिन कोई भी मंत्री श्रद्धांजलि देने गांव नहीं आया। परिजनों ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री या खुद रक्षामंत्री गांव नहीं आते। शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाया जाएगा। रक्षामंत्री से हुई बात शहीद के परिजनों के अनुसार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात हुई है। उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि अत्यंत व्यस्तता के चलते उनका फिलहाल गांव आना संभव नहीं है। लेकिन वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे। प्रयास करेंगे कि मुख्यमंत्री या उनके प्रतिनिधि के तौर पर कोई सक्षम मंत्री शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हो। हिन्दुस्थान समाचार/जय प्रकाश/श्रीधर

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