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फर्नीचर उद्योग को लगे पंख तो नौजवानों के संवरे जीवन

- पूर्वांचल में कौशल विकास गोरखपुर, 20 जनवरी (हि. स.)। पूर्वांचल में कौशल विकास को लेकर पिछले दिनों गोरखपुर में हुए मंथन के बाद नौजवानों और क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को बल मिला है। अब चाहे फर्नीचर उद्योग से जुड़े उद्यमी हों अथवा काम की तलाश कर रहे युवा; सबको उत्थान की संभावनाएं दिखने लगीं हैं। वैश्विक महामारी कोरोना में उत्पन्न हुए रोजगार संकट में भी फर्नीचर उद्योग रोजगार देता रहा है। सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है। मंथन के बाद गांव-गांव में पूर्वांचल के विकास की चर्चाएं आम हो गईं हैं। इतना ही नहीं गांव में परम्परागत तरीके से फर्नीचर उद्योग को बढ़ा रहे कामगारों ने भी भविष्य की तलाश शुरू कर दी है। कुशीनगर के मठिया-माधोपुर गांव में फर्नीचर बनाने का काम करने वाले बहादुर शर्मा कहते हैं कि अब जब पूर्वांचल में उद्यमियों की चिंता होने लगी है तो इसके सुखद परिणाम भी आएंगे। गांव में ही अच्छे अवसर मिलेंगे। गोरखपुर के पादरी बाजार के लक्ष्मी फर्नीचर के ओनर जितेंद्र कुमार बताते हैं कि फर्नीचर उद्योग रोजगार का एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म है। उद्योग में फिनिशिग, पॉलिश, नक्कासी, डिज़ाइन, ट्रांसपोर्टेशन जैसे कई रूपों में लोग जुड़ सकते हैं। यह उद्योग व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि पूरी टीम का होता है। केवल यही एक ऐसा उद्योग रहा जिसने कोरोना काल में भी अपने कर्मचारियो को पूरा वेतन दिया और उनकी सेवाएं जारी रखीं। गोरखपुर चौरीचौरा में फर्नीचर की दुकान चलाने वाले जितेंद्र शर्मा का कहना है हम अभी नौजवान हैं। दुकान से कमाई सिर्फ खाने-पीने तक ही हो पाती है। अब जब पूर्वांचल में उद्यम को लेकर प्रयास शुरू हुआ है, तो काफी खुशी ही रही है। हम भी उद्यमी बनने की राह पर चलने की कोशिश करेंगे। अपनी फैक्ट्री डालने की अवसर को खोएंगे नहीं। बोले जिला उद्योग अधिकारी जिला उद्योग अधिकारी का कहना है कि केंद्र व प्रदेश सरकार की कई योजनाएं विभिन्न उद्योगो को बढ़ावा दे रही है। उद्यमियों की हर बाधा को दूर किया जा सकता है। फर्नीचर उद्योग से जुड़े उद्यमियों को चिह्नित किया जा रहा है। यह मिल रही सुविधाएं - केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए उद्यमियों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध करा रही है। - कोई भी व्यजती खुद का बिजनेस शुरू कर सकता है। - भारत सरकार और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की स्थापना की है। इससे प्लांट स्थापित करने और मशीन खरीदने के लिए 25 लाख रुपये से लेकर 05 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकते हैं। इन योजनाओं का ले सकते हैं लाभ - प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना, क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी स्कीम, एमएसएमई आदि। यह है लोन की व्यवस्था - माइक्रो एंटरप्राइजेज के लिए 25 लाख - छोटे उद्यम के लिए 25 लाख से एक करोड़ - मध्यम उद्यम के लिए पांच करोड़ से दस करोड़ - सूक्ष्म उद्यम के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये - छोटे उद्यम के लिए 10 लाख से दो करोड़ - और मध्यम उद्यम में दो करोड़ से अधिकतम पांच करोड़ कहते हैं विशेषज्ञ भारतीय उद्यमिता संस्थान अहमदाबाद गुजरात के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अमित द्विवेदी का कहना है कि पूर्वांचल के गांव गांव में फर्नीचर उद्योग से कामगार हैं। ये अपनी आजीविका चलाने के लिए ही बस काम करते हैं। अब इनका संयोजन करने की जरूरत है। फर्नीचर उद्योग बूम कर जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/पुनीत-hindusthansamachar.in

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